/sootr/media/media_files/2025/07/17/pts-tighra-torture-new-recruits-struggle-2025-07-17-20-18-24.jpg)
Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. सालों की कड़ी मेहनत... रिटर्न टेस्ट, फिर फिजिकल... और अब जब वर्दी पहनने का सपना बस पूरा होने ही वाला है, तो तिघरा पुलिस प्रशिक्षण शाला में नव-आरक्षकों के साथ जो हो रहा है, वो आपको चौंका देगा।
कल्पना कीजिए, जिस जगह न्याय दिलाने वालों को तैयार किया जा रहा है, वहीं उन्हें कीड़े वाला खाना और गंदगी से पटी मेस में खाने पर मजबूर किया जा रहा है। ये युवा जो हमें अन्याय से बचाएंगे, खुद ट्रेनिंग में अमानवीयता झेल रहे हैं। बीमार पड़ रहे हैं, बहिष्कार कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी धमका रहे हैं। आखिर क्यों? इस चौंकाने वाली खबर को पढ़कर जानें, हमारे भविष्य के रक्षकों के साथ हो रहे इस बड़े अन्याय की पूरी कहानी।
खुद अमानवीयता झेल रहे आरक्षक
पुलिस आरक्षक बनने के लिए सालों की मेहनत के बाद भी युवाओं का संघर्ष थम नहीं रहा है। साल 2023 में रिटर्न टेस्ट और साल भर बाद फिजिकल टेस्ट देकर अब आरक्षक की ट्रेनिंग में इन युवाओं के सामने एक के बाद एक मुश्किलें खड़ी हो रही है। आमजन को अन्याय से बचाने की शपथ लेने वाले इन नव आरक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान ही सबसे ज्यादा अन्याय का सामना करना पड़ रहा है।
ग्वालियर के तिघरा पुलिस प्रशिक्षण शाला में आरक्षक की ट्रेनिंग ले रहे युवा व्यवस्था की अमानवीयता से घिरे हुए हैं। उन्हें कीड़े और इल्ली लगे अनाज से बना भोजन दिया जा रहा है। गंदगी से पटी मेस में बैठकर भोजन करना उनकी मजबूरी है। इस गंदगी और दूषित खाने की वजह से पीटीएस तिघरा में आए दिन प्रशिक्षणार्थी बीमार भी हो रहे हैं।
एसपी-डीएसपी रैंक के अधिकारी भी कीडे़ वाले भोजन और गंदी मेस पर ध्यान ही नहीं है। इससे परेशान प्रशिक्षु आरक्षक अब खाने का बहिष्कार करने मजबूर हो गए हैं। वहीं व्यवस्था में सुधार की जगह प्रशिक्षण शाला में तैनात अधिकारी उन्हें धमका रहे हैं।
3 पॉइंट्स में समझें पूरी खबरअमानवीय स्थिति और गंदे भोजन की समस्या: ग्वालियर के तिघरा पुलिस प्रशिक्षण शाला में लगभग एक हजार युवा आरक्षक की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यहां उन्हें कीड़े और इल्ली लगे अनाज से बने भोजन परोसने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, मेस में गंदगी और बर्तनों की सफाई न होने की वजह से कई प्रशिक्षु बीमार हो रहे हैं। जब प्रशिक्षुओं ने अधिकारियों से शिकायत की, तो अधिकारियों ने मामले को अनदेखा किया और शिकायत करने वाले प्रशिक्षुओं को धमकाया। प्रशासन का उपेक्षापूर्ण रवैया: प्रशिक्षण शाला में अधिकारियों द्वारा भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एसपी पीटीएस ने स्वीकार किया कि कुछ मामलों में भोजन में कीड़े पाए गए थे, लेकिन वे इस पर सुधार की बजाय मामले को दबाने में लगे रहे। मैस की व्यवस्था और जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लंबा संघर्ष और तनावपूर्ण भर्ती प्रक्रिया: पुलिस आरक्षक बनने के लिए युवाओं को कई सालों का संघर्ष करना पड़ा है। 2023 में भर्ती के लिए आवेदन किया गया था, जिसके बाद परिणाम और फिजिकल टेस्ट के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। |
लंबे संघर्ष के बाद मिल रही है ट्रेनिंग
लंबे संघर्ष के बाद चयनित युवाओं को आरक्षक ट्रेनिंग के लिए प्रदेश की पुलिस प्रशिक्षण शालाएं आवंटित की गई थीं। ग्वालियर स्थित तिघरा पुलिस प्रशक्षण शाला में इन्हीं में से लगभग एक हजार युवा पुलिस ट्रेनिंग ले रहे हैं। उन्हें यहां 6 से 8 माह रहना है। लेकिन यहां रहकर प्रशिक्षण हासिल करना कितना यातना भरा है ये युवा ही जानते हैं।
हालांकि पुलिस जैसे अनुशासन वाले विभाग में इन युवाओं पर कड़ी पाबंदी है। वे पुलिस प्रशिक्षण शाला की अमानवीय यातनाओं की खुलेतौर पर शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं।
कीड़े-इल्ली वाला खाना खाने को मजबूर
पुलिस प्रशिक्षण शाला की गड़बड़ियों का एक मामला सामने आया है। तिघरा पुलिस प्रशिक्षण शाला में लगातार घटिया खाना दिया जा रहा है। वे कीड़े और इल्ली लगे अनाज से बने चावल, दलिया, रोटी और सब्जी खाने विवश हैं। जिस मेस में प्रशिक्षु आरक्षक भोजन करते हैं वहां गंदगी की भरमार है।
उनके भोजन के बर्तनों की भी सफाई नहीं हो रही है और गंदे बर्तन और कीड़े लगे भोजन की वजह से आए दिन कोई न कोई बीमार हो रहा है। बीते कई दिनों से प्रशिक्षुओं द्वारा यह मामला अधिकारियों के सामने रखा जा रहा है लेकिन प्रशिक्षण शाला में तैनात अफसर अनदेखी कर रहे हैं। वहीं मैच की जिम्मेदारी संभाल रही एजेंसी भी प्रशिक्षु आरक्षकों के भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रही है।
शिकायत पर अधिकारियों ने करा दिया चुप
पीटीएस में भोजन में कीड़े और इल्लियां मिलने पर प्रशिक्षणार्थियों ने अधिकारियों से शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर मेस पर कार्रवाई करने की जगह आरआई हिमांशु तिमारी ने उन्हें ही धमकाते हुए चुप करा दिया। अधिकारी के इस रवैये से नाराज नव आरक्षक भोजन का बहिष्कार करने मजबूर हो गए। वहीं आरआई और पीटीएस तिघरा का प्रबंधन इस मामले को दबाने में लगा रहा लेकिन यह जानकारी बाहर आ गई।
जिम्मेदार दे रहे अजीबोगरीब सफाई
अब इस मामले में एसपी पीटीएस अखिलेश रेनवाल की सफाई आई है कि करीब सात-आठ प्रशिक्षुओं के भोजन में कीड़े पाए गए थे। इसकी शिकायत के बाद उनका भोजन बदल दिया गया था। पीटीएस में एक हजार से ज्यादा लोगों का भोजन बनता है इस वजह से कभी-कभी ऐसा हो जाता है। हालांकि मेस की व्यवस्था में सुधार और जिम्मेदारों पर कार्रवाई को लेकर वे चुप रहे।
लंबे संघर्ष का अब तक नहीं अंत
तिघरा प्रशिक्षण शाला पुलिस विभाग का बड़ा केंद्र है। यहां एक हजार से ज्यादा प्रशिक्षुओं को आरक्षक की ट्रेनिंग देने की क्षमता है। साल 2024 के अंत में फिजिकल टेस्ट पास करने वाले अभ्यर्थियों में से करीब एक हजार को प्रशिक्षण के लिए तिघरा भेजा गया है। यहां रहकर वे पुलिस आरक्षक बनने का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
आरक्षक बनने के लिए इन युवाओं के संघर्ष की भी दास्तान भी कम संघर्ष भरी नहीं है। पहले तो कई साल के इंतजार के बाद साल 2023 में गृह विभाग द्वारा भर्ती निकाली गई थी। 7411 पदों पर भर्ती के लिए लाखों युवाओं ने 12 अगस्त से 12 सितम्बर के बीच रिटर्न टेस्ट दिया था, जिसके परिणाम के लिए उन्हें छह माह इंतजार करना पड़ा।
7 मार्च को रिटर्न टेस्ट का परिणाम आया और सात महीने बाद फिजिकल परीक्षा हुई। यानी परीक्षा देने से लेकर फिजकल टेस्ट पास करने के बीच उन्हें पूरा एक साल लग गया। जैसे तैसे पुलिस मुख्यालय से चयन सूची जारी हुई लेकिन ये फर्जीवाड़े में उलझ गई। आरक्षक बनने के योग्य कई युवाओं के हक पर फर्जीवाड़े के सहारे अपात्रों के चयन के मामले की जांच अभी चल रही है। प्रशिक्षण में शामिल युवा अब भी इसका तनाव झेल रहे हैं।
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩
MP News | MP | पुलिस प्रशिक्षण सिलेबस | एमपी पुलिस ट्रेनिंग