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वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव आज जबलपुर जाएंगे। यहां वह कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे रानी दुर्गावती समाधि स्थल पर पूजन एवं प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।
इसके बाद कार्यक्रम स्थल वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
ये नेता भी रहेंगे मौजूद
रानी दुर्गावती बलिदान दिवस कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल और संस्कृति राज्य मंत्री धमेन्द्र सिंह लोधी भी मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम कुछ इस तरह...
- भोपाल से वायुयान द्वारा डुमना एयरपोर्ट पहुंचेंगे, हेलिकॉप्टर से नर्रई नाला प्रस्थान करेंगे ।
- नर्रईनाला पहुंचकर रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।
- नर्रई नाला से हेलीकॉप्टर द्वारा डुमना एयरपोर्ट रवाना होंगे।
- डुमना एयरपोर्ट से कार द्वारा वेटरनरी कालेज ग्राउंड के लिए प्रस्थान करेंगे ।
- वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- मुख्यमंत्री डुमना एयरपोर्ट से वायुयान द्वारा भोपाल प्रस्थान करेंगे ।
रानी दुर्गावती बलिदान दिवस के बारे में जानिए....
रानी दुर्गावती बलिदान दिवस हर साल 24 जून को मनाया जाता है। यह दिन 1564 में गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती के वीरगति को स्मरण करने के लिए समर्पित है।
रानी दुर्गावती एक साहसी, कुशल योद्धा और दूरदर्शी शासक थीं, जिन्होंने मुगल साम्राज्य के आक्रमण का वीरतापूर्वक विरोध किया था। उनके बलिदान ने भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा और आज भी वे वीरता, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की प्रतीक बनी हुई हैं।
रानी दुर्गावती का किला
रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 को दुर्गाष्टमी के दिन कालिंजर के किले में राजा कीरत सिंह और उनकी पत्नी कमलावती के घर हुआ था। राजा संग्रामशाह और उनके पुत्र दलपतिशाह, राजा कीरत सिंह की पुत्री वीरांगना दुर्गावती के सौंदर्य, शिष्टता, मधुरता और पराक्रम से बहुत प्रभावित थे।
इसीलिए संग्रामशाह ने कीरत सिंह से उनकी पुत्री का विवाह अपने पुत्र दलपतिशाह के साथ करने का प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
इतिहास
- 24 जून 1564 को रानी दुर्गावती ने मुगल सेना के विरुद्ध कड़ा संघर्ष किया।
- युद्ध में वीरगति मिलने से पहले उन्होंने अपने सैनिकों का नेतृत्व किया।
- रानी दुर्गावती के बलिदान ने गोंडवाना की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष को प्रेरणा दी।
रानी दुर्गावती की मूर्ति
महत्व
- रानी दुर्गावती बलिदान दिवस वीरांगना के शौर्य और त्याग को याद दिलाता है।
- ये दिन स्त्री शक्ति की महत्ता और देशभक्ति के महत्व को समझने का अवसर देता है।
- रानी दुर्गावती की वीरता और बलिदान आज भी सबको प्रेरित करता है।
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