मध्य प्रदेश सरकार ने सही समय पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए राहवीर योजना शुरू की है। योजना का उद्देश्य है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को ‘गोल्डन ऑवर’ यानी शुरुआती एक घंटे में अस्पताल पहुंचाया जाए, ताकि उसकी जान बचाई जा सके। इस काम के लिए सरकार 25 हजार रुपए तक का प्रोत्साहन भी देती है। मंगलवार को राजगढ़ के ब्यावरा में यह योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई।
मर जाऊंगा...एएसआई रहा अनसुना
यहां तलेन स्टेट हाईवे पर दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर हो गई। इस भीषण हादसे में चार युवक घायल हुए। इनमें से गोविंद मालवीय (25) और मनीष मालवीय (23) की हालत बेहद गंभीर हो गई। घटना के बाद एक युवक दर्द से तड़पते हुए मदद की गुहार लगाता रहा। वह बार-बार एएसआई प्रसादीलाल से कहता रहा हमें हॉस्पिटल पहुंचा दो, नहीं तो मर जाऊंगा। पुलिस सब इंस्पेक्टर कागजों में उलझे रहे। घायल चीखता रहा, पर कोई नहीं टस से मस हुआ। पास ही लोग भी खड़े थे, लेकिन कोई कदम आगे नहीं बढ़ा।
डायल-100 के आने के बाद भेजा अस्पताल
करीब 15 मिनट तक कोई एंबुलेंस या मेडिकल सहायता नहीं पहुंची। फिर डायल-100 की गाड़ी आई, जिससे दोनों गंभीर घायलों को अस्पताल ले जाया गया। करीब आधे घंटे की देरी हुई। इधर सरकार ‘गोल्डन ऑवर’ में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन देनी की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ही ऐसे मामले में लापरवाही करती नजर आती है।
टीआई बोले- एंबुलेंस लेट आई थी
बुधवार को इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हो गया। उसमें घायल युवक जमीन पर तड़पते हुए एएसआई से कह रहा है कि हॉस्पिटल में एडमिट करवा दो। वीडियो में एएसआई शांत बैठे नजर आए, जबकि युवक दर्द से चीख रहा था। टीआई संगीता शर्मा से जब इस मामले पर सवाल हुआ, तो उन्होंने कहा कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। इस वायरल वीडियो के बाद पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। हर जगह चर्चा होने लगी कि अगर शुरुआत में ही एएसआई प्रसादीलाल सक्रिय हो जाते, तो शायद युवक की हालत इतनी ना बिगड़ती।
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