Bhopal. भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग ने छह साल पुराने एक मामले में फैसला दिया है कि यात्री ने केवल यात्रा के लिए किराया दिया था। ऐसे में रेलवे बिना बुक किए लगेज के लिए क्षतिपूर्ति देने के लिए जिम्मेदार नहीं है। जानिए इस जरूरी मामले की पूरी कहानी…
क्या था पूरा मामला
साकेत नगर निवासी सुनीता साहनी ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि 29 जुलाई 2017 को वह भोपाल एक्सप्रेस (12155) से भोपाल से हजरत निजामद्दीन जा रही थीं। इस दौरान उनका AC-2 में रिजर्वेशन था। झांसी स्टेशन के पास जब वह जागीं तो बर्थ के नीचे चेन से लॉक किए गए उनके दो बड़े सूटकेस गायब थे। उनमें गोल्ड डायमंड पैंडल रिंग, कपड़े, दवाइयां और स्लीपर समेत लगभग सवा लाख रुपए का सामान था। सामान चोरी होने की सूचना उन्होंने तत्काल कोच अटेंडेंट को दी थी। इसके बाद में हजरत नवाजुद्दीन स्टेशन पहुंचने पर 30 जुलाई 2017 को FIR भी दर्ज कराई गई।
लगेज के लिए कोई भुगतान नहीं किया
आयोग ( Bhopal District Consumer Commission ) की बेंच क्रमांक 1 के अध्यक्ष योगेश शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पांडे ने इस मामले में फैसला सुनाया है। जिसमें रेल मैन्युअल की धारा 103 ( 20), धारा 100 और सुप्रीम कोर्ट के जून 2023 में दिए गए फैसले को आधार बनाया गया। बेंच ने अपने फैसले में कहा- यात्री यह साबित करने में असफल रहीं कि उसके सामान की चोरी रेलवे अथवा किसी कर्मचारी की उपेक्षा के कारण ही हुई थी, इसलिए रेलवे बिना बुक किए लगेज के लिए किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति देने के लिए जिम्मेदार नहीं है।