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रायसेन (Raisen) जिले में 6 जून को पर्यावरण दिवस के ठीक अगले दिन एक दुखद घटना घटी। नगर पालिका कर्मचारियों ने स्वच्छता चौपाटी के निर्माण के दौरान 15 साल पुराने नीम के पेड़ को काट डाला। यह पेड़ ऑक्सीजन पार्क के पास स्थित था। यह घटना उस समय हुई, जब पूरे देश में पर्यावरण दिवस के अवसर पर हरियाली और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा की बात की जा रही थी। इस घटना से नाराज जिला विकास समिति ने पेड़ की कटाई की कड़ी निंदा की और पर्यावरण के नजरिये से इसे गलत कदम माना।
पगड़ी रस्म का आयोजन
इसी मुद्दे को लेकर आज (मंगलवार को) जिला विकास समिति ने पेड़ की त्रयोदशी और पगड़ी रस्म का कार्यक्रम आयोजित किया। इस आयोजन में समिति के अध्यक्ष हरीश मिश्रा और अन्य सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान उस स्थान पर शोक सभा आयोजित की गई जहां पेड़ को काटा गया था। इसके साथ ही, प्रसाद वितरण का आयोजन भी किया गया।
समिति के अध्यक्ष हरीश मिश्रा ने इस घटना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण के प्रति लापरवाही का उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि पेड़ों की सुरक्षा हमारे लिए जरूरी है, क्योंकि ये हमारी रहन-सहन और पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा हैं।
20 नए पेड़ लगाने व देखभाल की मिली सजा
मामले की जानकारी मिलने पर नगर पालिका की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीएमओ) सुरेखा जाटव ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद, उन्होंने नगर पालिका इंजीनियर पंकज जैन और कर्मचारी नरेंद्र मालवीय को नोटिस जारी किया। दोषी कर्मचारी को सजा के तौर पर 20 नए पेड़ लगाने और 3 साल तक उनकी देखभाल करने का आदेश दिया।
नगर पालिका सीएमओ सुरेखा जाटव ने कहा कि यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर की गई लापरवाही को ठीक करने के लिए उठाया गया है। यह न केवल इस कर्मचारी के लिए, बल्कि पूरे नगर पालिका विभाग के लिए एक सीख है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
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