रायसेन नगर परिषद में फर्जी बिल लगाकर लाखों का गोलमाल, आरटीआई में हुआ खुलासा

रायसेन नगर परिषद में वॉटर सप्लाई ब्रांच में फर्जी बिलों के जरिए लाखों का घोटाला उजागर हुआ है। RTI से भ्रष्टाचार का पता चला। इसमें हैंडपंप की खरीदी को लेकर गड़बड़ी सामने आई।

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Rohit Sahu
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MP News: मध्यप्रदेश के रायसेन (Raisen) नगर परिषद में भ्रष्टाचार का अजब गजब मामला सामने आया है। सूचना के अधिकार अंतर्गत यानी RTI से प्राप्त की जानकारी से जो खुलासे हुए उसने रायसेन नगर परिषद में हुए एक बड़े घोटाले की पोल खोल दी। इस घोटाले के सामने आने के बाद अब बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल नगर परिषद द्वारा क्षेत्र में गर्मियों के मद्देनजर सभी हैंडपंप को दुरस्त करने का काम शुरू किया गया था। यहां कुल 60 हैंडपंप थे, लेकिन नगर परिषद ने 210 हैंडपंप सिलेंडर खरीद लिए। एक तरफ जहां आवश्यकता से अधिक की हैंडपंप की खरीदी हुई वहीं बिल भी मनमानी तरीके से लगाए गए।

RTI में हुआ खुलासा

RTI एक्टिविस्ट हरीश मिश्र की लगाई गई आरटीआई से प्राप्त जानकारी में सामने आया कि नगर में कुल 60 हैंडपंप हैं, लेकिन मात्र 295 दिनों में 210 हैंडपंप सिलिंडर खरीदे गए! वह भी 1300 रुपए से लेकर 3100 रुपए प्रति नग की दर पर। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 20 अक्टूबर 2022 को राजधानी भोपाल की एम.बी. ट्रेडर्स नामक फर्म ने एक ही पे स्लिप (payment slip) में 50 सिलिंडर 1300 रुपए प्रति नग तथा 60 सिलिंडर 3100 रुपए प्रति नग की दर से खरीदे।

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कागजों पर खरीदी और सिर्फ कागजों पर हिसाब 

एक तरफ तो जहां एक ही पेमेंट स्लिप 1800 रुपए प्रति सिलिंडर का अंतर हो गया। वहीं एक ही दिन में एक ही संस्था द्वारा एक ही बिल में दो अलग अलग दर पर सामान बेच दिया गया। मतलब खरीदी भी कागजों पर, व्यवस्थाएं भी कागजों पर, और विकास भी सिर्फ कागजों पर हुआ। वहीं भ्रष्टाचार का खेल यहीं नहीं थमता हैंडपंप चैन 100 रुपए से लेकर 460 रुपए प्रति नग तक खरीदी गई। यानी 360 प्रतिशत तक का कीमत में अंतर है। 

गोलमाल का जिम्मेदार आखिर कौन  

इस खुलासे के बाद सीधे आरोप मुख्य नगरपालिका अधिकारी ( CMO) पर उठते दिखाई दे रहे है। क्योंकि नगर परिषद में कोई भी बिल या कोई भी खरीदारी सीएमओ की सहमति व हस्ताक्षर के बगैर संभव नहीं है । कुल मिलाकर रायसेन नगर परिषद इन दिनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है । अधिकारी मनमानी कर रहे है, विकास के नाम पर घोटालों की लूट चल रही है । नगर परिषद में कुर्सियां गरम हो रही है और जेबें भरी जा रही है।

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