पवन सिलावट@ RAISEN.सिलवानी के ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में करीब एक करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है। विभाग के ही कर्मचारियों ने शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के वेतन और मानदेय की करीब 1 करोड़ की राशि खाते बदलकर अपने 15 रिश्तेदारों और स्वयं सहित 22 खातों में डालकर हेरफेर की है।
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कलेक्टर अरविंद दुबे कराई जांच
मामला सामने आने के बाद कलेक्टर अरविंद दुबे ने जिला कोषालय अधिकारी के माध्यम से जांच भी कराई है, जिसमें 15 लोगों के 22 खातों में घोटाले वाली राशि डालने की बात सामने आ रही है। वहीं करोड़ों रुपए का घोटाले की पोल खुलने की बाद कलेक्टर ने थाने में एफआई ( FIR ) दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
26 लाख रुपए खाते में वापस जमा
इसी का परिणाम है कि 26 लाख रुपए की राशि भी कर्मचारियों ने वापस खातों में जमा करवा दी है, लेकिन शेष राशि की वसूली के लिए अब सिलवानी थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन भी दिया गया है। इसके बाद सिलवानी पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है।
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ऐसे उजागर हुआ घोटाला
अधिकारी कार्यालय में यह गड़बड़ी वर्ष 2018 से 2022 के बीच हुई है। दो साल पहले तक सेलरी का भुगतान वेंडर के जरिए होता था। तब ऑफलाइन ट्रांजेक्शन भी हो जाता था। इसी का फायदा उठाकर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के नाम के आगे दूसरा बैंक खाता नंबर डालकर उनके वेतन और मानदेय की राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करवा दी। अब विभाग के पदस्थ सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों के ट्रेजरी कोड जनरेट किए गए हैं और जिला कोषालय से सीधे तौर पर यह राशि संबंधित कर्मचारी के खाते में जा रही है। नए ट्रेजरी कोड जनरेट होने के बाद पुराना मामला पकड़ में आ गया।
15 लोगों के 22 खातों में राशि ट्रांसफर
साल 2018 से 2022 के बीच शिक्षकों, कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों के वेतन, मानदेय, पीएफ की राशि को रिश्तेदारों के खातों में डालकर गड़बड़ी की गई है। कुछ राशि कर्मचारियों ने अपने खातों भी ट्रांसफर की गई है। जांच के बाद यह प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर को सौंप दिया है। 15 लोगों के 22 खातों में करीब एक करोड़ से अधिक की राशि डाली गई है।
एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश
अरविन्द कुमार दुबे, कलेक्टर रायसेन ने बताया कि शिकायत के बाद मामले की जांच कराई गई थी, जिसमें सरकारी राशि को गलत तरीके से दूसरों खातों में डालने की बात सामने आई है। शिक्षा विभाग के जिन कर्मचारियों ने यह गड़बड़ी की है, उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश डीईओ को दिए गए हैं।
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