राजमाता माधवी राजे सिंधिया की अस्थियां शिप्रा में प्रवाहित, रामघाट पर हुआ पूजन

ज्योतिष आचार्य पंडित अमर डिब्बे वाला के मुताबिक उत्तर वाहिनी शिप्रा नदी में स्नान करने भर से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिप्रा नदी तट पर भगवान श्री राम ने अपने पिता दशरथ का तर्पण और पिंडदान किया था...

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Sandeep Kumar
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया की अस्थियां शुक्रवार को उज्जैन में शिप्रा में प्रवाहित की गईं। ग्वालियर से लाए गए अस्थि कलश को दर्शन के लिए सख्याराजे धर्मशाला पर रखा गया। यहां लोगों ने पुष्प अर्पित किए। इसके बाद अस्थि कलश यात्रा निकाली गई। इसके लिए रथ को तैयार किया गया है। रथ पर माधवी राजे सिंधिया का पोस्टर लगाया गया। यात्रा देवास गेट मालीपुरा, कंठाल गोपाल मंदिर होते हुए रामघाट पहुंची। यहां पूजन किया गया।

शिप्रा नदी में अस्थि विसर्जन का विशेष महत्व 

पहले भी सिंधिया परिवार के सदस्यों के अस्थि कलश शिप्रा नदी में प्रवाहित किए गए हैं। पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने बताया कि स्वर्गीय माधवी राजे सिंधिया उज्जैन कई बार आ चुकी थीं। ज्योतिष आचार्य पंडित अमर डिब्बे वाला के मुताबिक उत्तर वाहिनी शिप्रा नदी में स्नान करने भर से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिप्रा नदी तट पर भगवान श्री राम ने अपने पिता दशरथ का तर्पण और पिंडदान किया था। शिप्रा नदी में अस्थि विसर्जन के लिए देशभर से लोग आते हैं।

15 मई को हुआ था राजमाता का निधन

ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का 15 मई की सुबह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह पिछले कुछ दिन से 'वेंटिलेटर' पर थीं। उनका पिछले तीन महीने से एम्स में इलाज किया जा रहा था। वह निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस से भी पीड़ित थीं। 

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