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महाकाल को बांधी राखी
रक्षाबंधन 2025 के अवसर पर महाकाल मंदिर (उज्जैन न्यूज ) में विशेष पूजा और भस्मारती का आयोजन हुआ, जिसमें भक्तों ने श्रद्धा से महाकाल की आराधना की। सबसे पहले पुजारी परिवार की महिलाओं ने महाकाल को राखी बांधी और सवा लाख लड्डुओं का भोग अर्पित किया।
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महाकाल की भस्मारती
रक्षाबंधन के दिन सुबह तीन बजे (उज्जैन महाकाल मंदिर) महाकाल भस्म आरती की गई। इसमें महाकाल को पंचामृत से स्नान करवा कर भस्म चढ़ाई गई और फिर उन्हें राखी बांधी गई। यह पूजा आस्था और श्रद्धा से भरपूर थी।
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पुजारी परिवार की महिलाएं बांधती हैं राखी
प्राचीन मान्यता के मुताबिक, बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी पुजारी परिवार की महिलाएं बांधती हैं जो इस परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा मानी जाती है। यह परंपरा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसे एक श्रद्धा भाव से निभाया जाता है। इस रस्म का उद्देश्य बाबा महाकाल से परिवार की सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करना होता है।
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सवा लाख लड्डुओं का भोग
रक्षाबंधन Rakshabandhan के अवसर पर बाबा महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का विशेष भोग अर्पित किया गया। यह भोग महाकाल के प्रति भक्तों की गहरी श्रद्धा और आस्था को दर्शाता है। भक्तों ने अपने परिवार की खुशहाली और सुरक्षा की कामना करते हुए इस पवित्र अवसर पर भोग अर्पित किया।
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महाकाल के दरबार भव्य महाआरती
भस्मारती और भोग अर्पण के बाद महाकाल के दरबार में भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। इस आरती में हजारों भक्तों ने अपनी श्रद्धा और भक्ति की भावनाओं को व्यक्त किया। महाकाल के जयकारों के बीच यह आयोजन अत्यधिक उल्लास और आस्था से परिपूर्ण था। भक्तों ने इस अवसर पर महाकाल से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।
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महाकाल मंदिर में भक्तों की अपार भीड़
रक्षाबंधन के मौके पर महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़े, जो सुबह तीन बजे से ही बाबा के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए एकत्र हो गए थे। श्रद्धा और भक्ति से भरे भक्तों ने महाकाल के दरबार में अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की प्रार्थना की, और पूरे मंदिर परिसर में एक अद्भुत उल्लास का माहौल था।