सीएम मोहन यादव के प्रोटोकॉल की 19 गाड़ियां इसलिए पड़ी थीं बंद, रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
रतलाम में मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल से जुड़ी 19 गाड़ियों में डीजल भरवाने के बाद गाड़ियों के बंद होने का मामला सामने आया था। अब इस मामले की जांच रिपोर्ट भी सामने आ गई है।
एमपी राइज 2025 कार्यक्रम के लिए 27 जून को सीएम मोहन यादव के प्रोटोकॉल में शामिल 19 इनोवा गाड़ियों में डोसीगांव के एक पंप से डीजल भरवाया गया। डीजल भरवाने के कुछ ही दूरी तक जाने के बाद सभी गाड़ियां बंद हो गईं। इसके बाद इन्हें वापस पेट्रोल पंप तक धक्का देकर लाया गया। इस मामले से हलचल मच गई। घटना के बाद मामले की जांच के निर्देश दिए गए जिसकी रिपोर्ट अब सामने आई है।
लैब रिपोर्ट से हुआ ये खुलासा
पंप से डीजल के तीन सैंपल लेकर BPCL की मांगलिया लैब भेजे गए। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि डीजल में पानी की मिलावट है। जांच में टैंक में 197.43 लीटर पानी और स्टॉक में 720 लीटर का अंतर मिला।
पंप संचालक पर केस दर्ज, पंप सील
सीएम के प्रोटोकॉल की गाड़ियों में मेसर्स शक्ति फ्यूल्स पाइंट डोसीगांव पेट्रोल पंप से फ्यूल भरवाया गया था। डीजल में मिलावट की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल पंप को सील कर दिया। शक्ति फ्यूल्स के संचालक शक्ति बुंदेल और मैनेजर अमरजीत डाबर पर केस दर्ज किया गया है।
प्रशासन ने कहा एजेंसी जिम्मेदार
प्रशासन का कहना है कि ये गाड़ियां मुख्यमंत्री के काफिले की नहीं थीं, बल्कि प्रोटोकॉल की थीं। इम्पेक्ट ट्रेवल्स नामक एजेंसी ने गाड़ियों के साथ डीजल भरवाने की जिम्मेदारी ली थी। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि डीजल भरवाने की जिम्मेदारी एजेंसी की थी, प्रशासन की नहीं।
आपूर्ति अधिकारी की भूमिका पर उठे सवाल
जिला आपूर्ति अधिकारी आनंद गोले ने कैमरे के सामने आने से इनकार किया और जवाबदेही से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार विभाग ने केवल सैंपल लिए और अब आगे की कार्रवाई पुलिस को करनी है।
स्टॉक जांच में भी गड़बड़ी उजागर
जांच में पाया गया कि टैंक के स्टॉक में 720 लीटर का अंतर था, जबकि मान्य छूट 426 लीटर तक है। डेंसिटी चेक करने पर पानी का लेवल 6.63 सेंटीमीटर पाया गया। प्रशासन ने मेसर्स शक्ति फ्यूल्स पाइंट डोसीगांव के पंप से 5995 लीटर पेट्रोल और 10657 लीटर डीजल जब्त किया है।
ऐसे समझें पूरी खबर
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल गाड़ियां डीजल भरवाने के बाद बंद हुईं।
डीजल में पानी की मिलावट की पुष्टि BPCL लैब से हुई।
पंप संचालक और मैनेजर पर केस दर्ज हुआ।
प्रशासन ने एजेंसी पर जिम्मेदारी डाली, पंप को सील किया।
जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई, अब कार्रवाई पुलिस के हाथ में है।
अब तक केवल 50 पंपों की जांच पूरी
रतलाम जिले में 184 पेट्रोल पंप हैं लेकिन आपूर्ति विभाग सिर्फ 50 की ही जांच कर सका। भोपाल से सभी जिलों में जांच के आदेश दिए गए थे। कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि रिपोर्ट ऑइल कंपनी को भेजी जा रही है।
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