अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने उज्जैन में बड़ी बात कही हैं। उन्होंने कहा खुद को भगवान बताने वाले साधु-संतों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। आजकल हर कोई अपने आप को उपासक-पुजारी नहीं, बल्कि भगवान कह रहा है। खुद को ब्रह्मा, विष्णु, महेश और राम कह रहे हैं, ऐसे संतों पर कार्रवाई होना चाहिए। प्रयागराज के कुंभ में ऐसे संतों भूमि नहीं दी जाएगी।
संतों में दो मानसिकता मानने वाले लोग
रवींद्र पुरी महराज ने कहा कि वर्तमान समय में संतों में दो मानसिकता को मानने वाले लोग हैं, एक मुल्लावादी और दूसरा हिंदूवादी। आज इसी सोच पर देश चल रहा है, कुछ संतों की सोच आज भी कांग्रेसी है जो इसी पर काम कर रहे हैं।
कुंभ में नहीं घुसने देंगे-रवीन्द्र
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि कुछ संत और कथावाचक अपने आप को भगवान का उपासक या पुजारी नहीं मानते हैं, वह खुद को ही भगवान मानने लगे हैं। ऐसे संतों के खिलाफ पूर्व में भी कार्रवाई होती रही है और वर्तमान में भी कार्रवाई की जा रही है। हमने ऐसे संतों को चिन्हित किया है जिन्हें शैव, वैष्णव और उदासीन अखाड़े के माध्यम से नोटिस जारी कर सितंबर तक जवाब मांगे गए हैं। अगर, जवाब नहीं मिलते हैं तो ऐसे संतों और कथावाचकों को प्रयागराज में होने वाले कुंभ में घुसने नहीं दिया जाएगा।
सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाना बंद करें सनातनी
पुरी महाराज ने कहा कि सांप्रदायिक एकता के नाम पर कुछ साधु संत मंच से ही सनातन संस्कृति का मजाक उड़ा रहे हैं। कोई मंच से अल्लाह का नाम लेता है तो कोई नमाज पढ़ने की बात करता है। ऐसे लोगों को भी अब यह जान लेना चाहिए कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की नजरें सभी की ओर हैं।
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