नगर निगम के 150 करोड़ रुपए के फर्जी बिल घोटाले में नगर निगम के पूर्व IAS आयुक्तों के साथ ही अपर आयुक्तों, सुनील गुप्ता व अन्य अधिकारियों को जिला कोर्ट से राहत मिल गई है। इन सभी के खिलाफ गिरफ्तार अभय राठौर और उनकी पत्नी शालिनी राठौर ने आरोपी बनाने के लिए धारा 156 (3) के तहत आवेदन लगाया था जो खारिज हो गया है।
इन सभी के खिलाफ दिया था आवेदन
शालिनी सिंह राठौर द्वारा दिए आवेदन में पूर्व निगमायुक्त मनीष सिंह, प्रतिभा पाल पर अधीनस्थों को वित्तीय अधिकार ट्रांसफर करने व अन्य कई तरह के आरोप लगाए थे। साथ ही इंजीनियर सुनील गुप्ता को इस घोटाले में मुख्य आरोपी बताया गया था।
नामजद तौर पर शपथपत्र में सहायक यंत्री सेवकराम पाटीदार, कार्यालय अधीक्षक प्रसाद रेगे, बिल क्लर्क सतीश बड़के, रिटायर अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह, तत्कालीन अपर आयुक्त रोहन सक्सेना, अपर आयुक्त वित्त निगम देवधर दरबई व अन्य के खिलाफ औपचारिक तौर पर आरोपी बनाने की मांग की थी। इसमें मांग में था कि केवल बयानों के आधार पर ही राठौर को आरोपी बनाया गया है, जबकि इन सभी के कार्यकाल में घोटाला हुआ है, इन सभी को आरोपी बनाया जाए।
हाईकोर्ट में भी लगा दिया केस
उधर शालिनी राठौर ने इसी मामले में हाईकोर्ट में भी केस दायर कर दिया है, जिसमें उन्होंने इन सभी अधिकारियों के साथ ही टीआई एमजी रोड विजय सिंह सिसौदिया को भी आरोपी बनाने की मांग की है और इसके लिए याचिका दायर की है। फिलहाल इस पर अभी सुनवाई नहीं हुई है।
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