संजय गुप्ता@INDORE. देश के जाने-माने हार्ट सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान के मेदांता अस्पताल, इंदौर द्वारा बिल के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जब मरीज भर्ती के लिए आया तो परिवार को बताया गया था कि 5 लाख में इलाज हो जाएगा। लेकिन जब मरीज डिस्चार्ज होने लगा तो बिल 21 लाख 88 लाख रुपए बताया गया। हालत यह हुई कि बिल नहीं चुकाने के चलाते 76 साल के बुजुर्ग मरीज को बंधक तक बनाकर रखा। आखिर में कलेक्टर ने इसमें दखल दिया और मामला रात को सुलझा।
कलेक्टर के फोन के बाद 13 लाख 36 हजार कम किए
मेदांता अस्पताल ने मरीज के डिस्चार्ज के समय बिल 21 लाख 88 हजार बताया। जब यह मरीज के परिजन नहीं दे पाए तो बुजुर्ग मरीज का डिस्चार्ज रोक दिया गया। हालांकि परिजनों को 5 लाख का एस्टीमेट बताया गया गया था लेकिन वह उससे भी ज्यादा 6 लाख 52 हजार रुपए भर चुके थे। मामला कलेक्टर आशीष सिंह तक पहुंचा, उन्होंने इसमें मामले में दखल दिया, साथ ही सीएम फंड से 2 लाख रुपए मंजूर भी किए। इसके बाद बाकी बची राशि 13 लाख 36 हजार रुपए का डिस्काउंट अस्पताल द्वारा दिया गया और मरीज को रात को डिस्चार्ज किया।
यह है पूरा मामला
76 साल के अनिल कुमार सोनी को हार्ट की समस्या थी, 18 मार्च 2024 को उन्हें मेदांता में भर्ती किया गया। यहां अस्पताल द्वारा ओपन बाईपास सर्जरी करने के लिए 5 लाख का खर्च बताया गया, परिजनों का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण सर्जरी बिगड़ने पर अन्य प्रॉब्लम शुरू हो गई। जिससे उन्हें ज्यादा दिन अस्पताल में रखना पड़ा और 1 मई 2024 को अस्पताल द्वारा 21 लाख 88 हजार का बिल थमा दिया बिल न भरने की स्थिति में मरीज अनिल कुमार सोनी को अस्पताल द्वारा बंधक बनाकर रखा गया है। उनकी बेटी पल्लवी द्वारा बताया गया की हमने एस्टीमेट से ज्यादा का बिल भरा है। अस्पताल वाले पिताजी को नहीं छोड़ रहे थे। उन्हें बंधक बना लिया गया था।
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मेदांता अस्पताल में फर्जीवाड़ा, हार्ट सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान इंदौर, बिल नहीं भरने पर मरीज को बनाया बंधक, इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह
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