देश में 9 जून को एनडीए सरकार ( NDA government ) के नए मंत्रिमंडल का गठन क्या हुआ, पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ( RSS ) को मानो गदगद कर दिया। मध्य प्रदेश के 6 सांसदों को मंत्री बनाया गया है उनमें से एक को छोड़कर शेष सभी आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, वीरेंद्र कुमार खटीक, सावित्री ठाकुर, दुर्गादास उइके और एल. मुरुगन का राजनैतिक कैरियर ही आरएसएस की शाखाओं से ही शुरु हुआ। एक साथ पांच संघियों के मंत्री बन जाने से न केवल आरएसएस उत्साहित है बल्कि बीजेपी भी अपनी उस भूल का प्रायश्चित करती लगती है जो उसने चुनावों के बीच अब हमें आरएसएस की जरूरत नहीं जैसा बयान देकर की थी।
शिवराज 5 दशक पुराने स्वयंसेवक
शिवराज सिंह चौहान तो आरएसएस के करीब 5 दशक पुराने स्वयंसेवक हैं। वे सन 1972 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य बन गए थे। 1978 में शिवराजसिंह चौहान, आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के संगठन सचिव बन गए थे। इतना ही नहीं, 1982 में उन्हें ABVP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया था। सक्रिय राजनीति में आने के बाद भी संघ और एबीवीपी से उनका जुड़ाव बना रहा।
दुर्गादास उइके का RSS से गहरा नाता
बैतूल हरदा लोकसभा सीट के सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके तो आरएसएस के प्रति ऐसे समर्पित हैं कि आजीवन संगठन के लिए कार्य करने का संकल्प ले चुके हैं। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सन 2000 से सदस्य हैं। सन 2007 में उज्जैन में और सन 2008 में राजस्थान के कोटा में संघ प्रशिक्षण वर्ग में शामिल हो चुके हैं।
वे आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को अपना आदर्श बताते हैं। 8 फरवरी 2018 को आयोजित विराट हिन्दू सम्मलेन में सर संघ चालक मोहन भागवत के कार्यक्रम में मंच संचालन दुर्गादास उइके ने ही किया था।
डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक खांटी स्वयंसेवक
लोकसभा चुनाव Lok Sabha Chunav 2024 में टीकमगढ़ से 8 वीं बार के सांसद और एक बार फिर सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री बनाए गए डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक खांटी स्वयंसेवक हैं। वे स्कूली जीवन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक ने आरएसएस के शाखा प्रमुख का दायित्व भी संभाला।
एनजीओ चलाते समय RSS से जुड़ीं सावित्री ठाकुर
केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बनाई गईं धार की सांसद सावित्री ठाकुर राजनीति में आने से पहले एक एनजीओ चलाती थीं। इसी दौरान वे आरएसएस से जुड़ गईं। पिछड़े आदिवासी इलाके में पढ़ी लिखी, उदार सोच की महिला होने के कारण आरएसएस ने उन्हें बीजेपी में आगे बढ़ाकर राजनैतिक तौर पर सक्रिय किया।
सावित्री ठाकुर की किस्मत उस समय बदल गई जब 16वीं लोकसभा चुनाव में उन्हें धार से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया। धार से दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर वे केंद्रीय मंत्री बन गई हैं। सावित्री ठाकुर कहती भी हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) के संपर्क में आने के बाद ही मेरे लिए राजनीति के द्वार खुलते चले गए।
आरएसएस से सीधे तौर पर नहीं जुड़े सिंधिया
इन पांच लोकसभा सदस्यों के साथ ही एमपी से राज्यसभा सदस्य एल. मुरुगन भी मंत्री बने। इनमें से केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया ही एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जो कभी आरएसएस से सीधे तौर पर नहीं जुड़े रहे। एमपी के शेष पांचों मंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे हैं।
केंद्र सरकार में एमपी के मंत्रियों में केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया ही एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने शायद नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमै ( आरएसएस की शाखाओं में गाई जानेवाली प्रार्थना ) नहीं गुनगुनाई होगी। हालांकि उनकी स्वर्गीय दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया का आरएसएस और जनसंघ से जुड़ाव सर्वविदित था।
चुनाव के समय क्या कहा था जेपी नड्डा ने
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि शुरुआत में हम कम सक्षम थे। तब हमें RSS की जरूरत पड़ती थी। अब हम सक्षम हैं। आज BJP खुद अपने आप को चलाती है। ये बयान लोकसभा चुनाव में चौथे राउंड की वोटिंग के बाद BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा का था। तो क्या RSS चुनाव में BJP के साथ नहीं था?
संघ के प्रांतीय स्तर के एक पदाधिकारी कहते हैं 'BJP चुनाव में RSS आइडियोलॉजी के साथ नहीं थी। और RSS किसी के साथ नहीं होता, सिर्फ आइडियोलॉजी के साथ होता है। BJP पीछे हटी, RSS नहीं।
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