भोपाल. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस ( RSS ) के सरसंघचालक यानी मुखिया मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) अमरकंटक के प्रवास पर थे। इस दौरान वह मृत्युंजय आश्रम में चल रहे विशेष धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए। प्रमुख संतों, प्रचारकों के साथ उन्होंने यहां हवन और आरती में हिस्सा लिया। स्वामी एकरसानंद आश्रम के प्रमुख संत स्वामी हरिहरानंद सरस्वती के साथ भागवत ने भेंट की। इस दौरान स्वामी हरिहरानंद ने सभी आश्रमवासियों सहित भागवत का आभार प्रदर्शन करते हुए वक्फ बोर्ड को दी गई शक्तियों को समाप्त कराने की मांग की।
साधू-संतों को आश्रमों से बाहर निकलना चाहिए
मजबूत भारत निर्माण के लिए अनुशासित, चरित्रवान, संस्कारित समाज निर्माण की जरुरत है। इसके लिए साधू-संतों को आश्रमों से बाहर निकल कर आगे आना होगा। अमरकंटक में एक दिवसीय प्रवास पर आए भागवत ने साधू-संतों, समाजसेवियों को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए। भागवत ने कहा कि महाराज शिवाजी से प्रेरणा लेने की जरुरत ह, जिनके संस्कार और चरित्र की दुश्मन भी तारीफ करते थे। संतों के प्रवचन से चरित्र एवं संस्कार के माध्यम से समाज सुधार करवाने में बहुत मदद मिलेगी।
हिंदू समाज को संस्कारित करना होगा
भागवत ने कहा कि हिंदू समाज के व्यक्तियों को स्वयं को संस्कारित करने की आवश्यकता है। व्यक्ति स्वयं सुधर जाए तो समाज अपने आप विकसित हो जाएगा। देश में हिंदू जागरण का अच्छा माहौल है,लेकिन युवा पीढ़ी को शिवा जी के चरित्र निर्माण की शिक्षा लेने की जरुरत है। दूसरों को उपदेश देने से पहले अपने आचरण में सुधार लाने की आवश्यकता है।