साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ एनआईए कोर्ट ने फिर जारी किया वारंट

मुंबई की एनआईए स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ नया जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने यह वारंट 16 साल पुराने मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई में प्रज्ञा के अनुपस्थित रहने की वजह से जारी किया है।

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Ravi Singh
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Sadhvi Pragya Singh Thakur
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BHOPAL : भोपाल की पूर्व सांसद व बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ मुंबई की एनआईए स्पेशल कोर्ट ने नया जमानती वारंट जारी किया है। 16 साल पुराने मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई में 13 नवम्बर, बुधवार को प्रज्ञा की गैरहाजिरी के कारण कोर्ट ने यह वारंट जारी किया। यह पिछले आठ दिनों में दूसरा वारंट है।

एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज एके लाहोटी ने कहा, पिछले वारंट के निर्देश के बावजूद प्रज्ञा कोर्ट में पेश नहीं हुईं। विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसाल और अनुश्री रसाल ने बताया कि पिछला वारंट जिस पते पर भेजा गया था, वहां प्रज्ञा अब नहीं रहतीं। लिहाजा, वारंट उन्हें नहीं मिल सका। इस पर कोर्ट ने नए पते के अनुसार 10 हजार रुपए का नया जमानती वारंट जारी किया है।

सेहत खराब, दिल्ली के अस्पताल में चल रहा इलाज

जानकारी के अनुसार, प्रज्ञा ठाकुर की सेहत ठीक नहीं है। 6 नवम्बर को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी एक फोटो पोस्ट की थी। इसके साथ उन्होंने लिखा था, कांग्रेस का टॉर्चर सिर्फ ATS कस्टडी तक ही नहीं, मेरे जीवन भर के लिए मृत्युदायी कष्ट का कारण हो गया। ब्रेन में सूजन, आंखों से कम दिखना, कानों से कम सुनना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन है। एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। जिंदा रही तो कोर्ट जरूरी जाउंगी।

मार्च में भी जारी हुआ था वारंट

मालेगांव ब्लास्ट मामले में अब अंतिम बहस चल रही है, इसलिए प्रज्ञा की मौजूदगी अनिवार्य है। मार्च 2024 में भी उनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था, तब कोर्ट ने उन्हें 13 नवंबर तक पेश होने की मोहलत दी थी, लेकिन प्रज्ञा हाजिर नहीं हो सकीं।

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मालेगांव ब्लास्ट केस का मामला

गौरतलब है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में मुख्य आरोपी हैं। 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी। इस केस में प्रज्ञा ठाकुर सहित सात लोगों पर आरोप हैं, जिनमें लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) प्रसाद पुरोहित, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर द्विवेदी का नाम शामिल है। अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सातों आरोपियों को जमानत दी थी। प्रज्ञा को पांच लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली थी। तब कोर्ट ने कहा था कि प्रज्ञा के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं और उनकी सेहत भी ठीक नहीं है।

इस खबर से जुड़े सामान्य सवाल

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट क्यों जारी किया गया?
एनआईए स्पेशल कोर्ट ने 16 साल पुराने मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर की गैरहाजिरी के कारण नया जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट 13 नवंबर, 2024 को सुनवाई के दौरान उनकी पेशी न होने पर जारी किया गया।
क्या साध्वी प्रज्ञा की गैरहाजिरी का कारण उनकी सेहत है?
हां, प्रज्ञा सिंह ठाकुर की सेहत खराब है और वह दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज करा रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी हालत के बारे में जानकारी दी थी, जिसमें ब्रेन में सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का उल्लेख किया था।
क्या यह वारंट पहला वारंट है जो साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ जारी किया गया?
नहीं, यह दूसरा जमानती वारंट है जो पिछले आठ दिनों में उनके खिलाफ जारी किया गया है। मार्च 2024 में भी एक वारंट जारी किया गया था, जिसमें उन्हें 13 नवंबर तक कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था।
मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा का क्या रोल है?
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की मुख्य आरोपी हैं। इस विस्फोट में छह लोग मारे गए थे। मामले में उन्हें और अन्य आरोपियों पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
क्या मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई में प्रज्ञा की पेशी जरूरी है?
हां, मालेगांव ब्लास्ट मामले में अंतिम बहस चल रही है, और इस मामले में प्रज्ञा की मौजूदगी अनिवार्य है। कोर्ट ने उनकी पेशी के लिए 13 नवंबर तक की मोहलत दी थी, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो पाईं।

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