सतीष सेन @ Sagar
सागर जिले के हरदुली मौजा गांव के तालाब में एक अज्ञात व्यक्ति का सिर, पैर और हाथ विहीन क्षत-विक्षत शव मिलने के मामले का बड़ा खुलासा हुआ है। घटना का कारण बकरी चोरी का शक बताया गया है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने पहचान छिपाने के लिए शव के टुकड़े-टुकड़े कर तालाबों में फेंक दिए थे।
2 सितंबर को मिला था शव
2 सितंबर को महाराजपुर थाना क्षेत्र के हरदुली मौजा में जंगल किनारे बने एक तालाब में सड़ी-गली अवस्था में अज्ञात शव मिला था। पोस्टमार्टम के दौरान ग्राम समनापुर आफतंगज के कुचबंदिया समाज के लोग भी मौजूद थे, जिन्होंने इसे अर्जुन कुचबंदिया का शव होने की आशंका जताई थी। अर्जुन 23 अगस्त से लापता था और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले ही दर्ज की गई थी। हालांकि, शव की स्थिति के कारण उसकी पहचान तुरंत नहीं हो सकी। पुलिस ने डीएनए सैंपलिंग कराई और सघन जांच शुरू की।
गर्भकाल …मोहन यादव सरकार के नौ माह और आपका आंकलन…
कैसी रही सरकार की दशा और दिशा…
आप भी बताएं मोहन कौन सी तान बजाएं….
इस लिंक पर क्लिक करके जानें सबकुछ…
https://thesootr.com/state/madhya-pradesh/cm-mohan-yadav-garbhkal-the-sootr-survey-6952867
बकरी चोरी के शक में हुआ हमला
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अर्जुन कुचबंदिया अक्सर जंगलों में अपने साथियों के साथ घूमता था। 23 अगस्त को वह अपने जीजा अकल कुचबंदिया के साथ हरदुली के जंगलों की ओर जा रहा था, तभी कोमल गौड़ नामक व्यक्ति ने उन्हें देखा और शक किया कि वे बकरी चुराने आए हैं। कोमल गौड़ ने लाठी लेकर अर्जुन का पीछा किया और उसे पकड़कर मारने लगा। बाद में उसने अपने साथी जियालाल कोल, गोलू कोल और मुन्ना कोल को बुला लिया और उन सभी ने मिलकर अर्जुन पर हमला किया। अर्जुन का जीजा अकल वहां से भाग निकला, लेकिन अर्जुन बेहोश होकर गिर पड़ा और बाद में उसकी मौत हो गई।
शव को पहचान से बचाने के लिए टुकड़े किए
आरोपियों को जब अर्जुन की मौत का पता चला, तो उन्होंने पकड़े जाने के डर से उसकी पहचान छिपाने की योजना बनाई। कोमल गौड़ और उसके साथियों ने दो दिन बाद अर्जुन की लाश को उठाकर जंगल के तालाब में ले जाकर उसके सिर, हाथ और पैर के टुकड़े कर दिए। इसके बाद उन्होंने शव को पत्थरों से बांधकर तालाब में फेंक दिया, ताकि लाश की पहचान न हो सके। अलग किए गए अंगों को बोरी में भरकर पास के दूसरे तालाब में फेंक दिया।
पुलिस की तत्परता से खुला मामला
हालांकि, कुछ दिन बाद शव तालाब में फूलकर ऊपर आ गया और पुलिस को मिल गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और सघन जांच शुरू की। डीएनए परीक्षण और जांच के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया।
पुलिस टीम की सराहना
इस मामले का खुलासा करने में देवरी थाना प्रभारी निरीक्षक संधीर चौधरी, महाराजपुर थाना प्रभारी उपनिरीक्षक मीनेष भदौरिया, सउनि गनगौर प्रसाद, प्रआर0 बाबू सिंह, धरदास बंसल, हुकुम सिंह धुर्वे, हरिओम चौरसिया, हरिराम, परमानंद ठाकुर, संजय सिंह, ऋषभ उपमन्यु, विपिन, आनंद भगत, योगेश परोची, मधुर, म0आर0 ललित, म0आर0 रागिनी, म0आर0 अंजना उईके का विशेष योगदान रहा।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक