सागर में डॉक्टर्स की लापरवाही से हुई थी 5 माह के बच्चे की मौत, तीन डॉक्टर्स पर एफआईआर

परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉ साधना मिश्रा, डॉ रीता जैन और डॉ राकेश जैन ने उन्हें धोखे में रखकर इलाज किया, पैसे लिए और गलत जांच रिपोर्ट दी। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 

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Deeksha Nandini Mehra
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Sagar Newborn Death Case
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Sagar Newborn Death Case : मध्य प्रदेश के सागर जिले में 9 महीने पहले हुई नवजात की मौत के मामले में मोतीनगर पुलिस ने अब दो रेडियोलॉजिस्ट और एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने प्रसूता महिला की सोनोग्राफी जांच और इलाज में लापरवाही के कारण बच्चे की मौत के साक्ष्यों और पीएम रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है। 

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ये है पूरा मामला 

दरअसल, 9 दिसंबर 2023 को फरियादी अभिमन्यु, पिता मधुकर शर्मा ने 5 माह की बच्ची की मौत की शिकायत की थी। पुलिस ने शिकायत पर मर्ग कायम किया और जांच शुरू की। जांच के दौरान पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए गए। परिवार ने बताया कि प्रसूता दिव्या शर्मा का इलाज भागीरथ नर्सिंग होम (Bhagirath Nursing Home) में डॉक्टर साधना मिश्रा (Dr. Sadhna Mishra) ने किया। इलाज के दौरान डॉक्टर मिश्रा ने जो टेस्ट और सोनोग्राफी बताई, वे ऋचा डायग्नोस्टिक सेंटर (Richa Diagnostic Center) में डॉक्टर रीता जैन (Dr. Rita Jain) और डॉक्टर राकेश जैन (Dr. Rakesh Jain) द्वारा कराई गई। इन सभी जांचों में बच्ची की स्थिति सामान्य बताई गई। बेटी के जन्म से पहले 8 सितंबर 2023 को की गई सोनोग्राफी में 4 चेंबर और सामान्य स्थिति बताई गई थी।

सोनोग्राफी रिपोर्ट में गड़बड़ी

27 नवंबर 2023 को डॉक्टर रीता जैन द्वारा की गई कलर सोनोग्राफी में भी 4 चेंबर और सामान्य स्थिति बताई गई। 4 दिसंबर 2023 को डॉक्टर साधना मिश्रा के हॉस्पिटल में दिव्या शर्मा की सामान्य डिलीवरी हुई और मां और बच्ची स्वस्थ बताई गईं। 6 दिसंबर 2023 को भागीरथ नर्सिंग होम से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

7 दिसंबर 2023 को बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे चैतन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान इकोकार्डियोग्राफी टेस्ट में पता चला कि बच्ची का हृदय पूरी तरह विकसित नहीं था और उसमें तीन चेंबर थे। अस्पताल में इलाज के दौरान 5 माह की माही की मौत हो गई।

धोखा और लापरवाही के आरोप

परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर साधना मिश्रा, डॉक्टर रीता जैन और डॉक्टर राकेश जैन ने उन्हें धोखे में रखकर इलाज किया, पैसे लिए और गलत जांच रिपोर्ट दी। पुलिस ने परिवार के बयान, पीएम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। 

मेडिकल बोर्ड की जांच में पाया गया कि मृतक बच्ची के दिल में तीन चेंबर थे, जबकि सोनोग्राफी रिपोर्ट में चार चेंबर दर्शाए गए थे। मोतीनगर पुलिस ने भागीरथ नर्सिंग होम की डॉक्टर साधना मिश्रा और ऋचा डायग्नोस्टिक सेंटर की डॉक्टर रीता जैन, डॉक्टर राकेश जैन के खिलाफ धारा 304 भाग (2) और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

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