मध्य प्रदेश के सागर में 33 साल पहले हुई एक युवक की हत्या के मामले में दो आरोपी 13 साल से फरार थे। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद वह फरार हो गए थे। दोनों की तलाश लगातार जारी थी। कुछ दिन पहले पुलिस ने एक आरोपी को मंदिर से पकड़ा था। वह मंदिर में साधु के वेश में पिछले कई सालों से छिपा था। अब पुलिस ने हाल ही में दूसरे आरोपी उम्मी उर्फ उमाशंकर को नागपुर से गिरफ्तार किया गया है। वह वैद्य बनकर जड़ी-बूटियां बेच रहा था।
जमीन विवाद में की थी युवक की हत्या
बता दें, आरोपी हिब्बू उर्फ प्रभुदयाल ने 1991 में अपने एक दोस्त उम्मी उर्फ उमाशंकर के साथ मिलकर जमीन विवाद में युवक बाबूलाल की हत्या कर दी थी। दोनों ने धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोनों आरोपी फरार हो गए। पुलिस आरोपियों की काफी समय से तलाश कर रही थी। पीड़ित का परिवार भी मृतक को इंसाफ दिलाने के लिए काफी संघर्ष कर रहा था।
भाई को न्याय दिलाने में 4 एकड़ जमीन-गहने बिके
मृतक बाबूलाल के कुल पांच भाई है। उसके सबसे छोटे भाई रमेश पचौरी ने इंसाफ दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया। नवंबर 1991 में रमेश ने जबलपुर हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी। हाईकोर्ट में अपील स्वीकार कर ली। हाईकोर्ट में 16 साल तक केस चला। इस दौरान हर पेशी पर बस से जबलपुर जाता था। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इस बीच उनके पिता का निधन हो गया। परिवार बिखर गया। घर में कमाने और खाने के लाले पड़ गए। घर का खर्च और केस लड़ने के लिए 4 एकड़ जमीन बेच दी। इसके बाद घर की महिलाओं के गहने बेच दिए, लेकिन रमेश पचौरी ने हार नहीं मानी। अब 33 साल बाद रमेश को भाई को न्याय मिला है।
अब दोनों आरोपियों के बारे में जानिए...
वैद्य बनकर जड़ी-बूटी बेच रहा था आरोपी
पुलिस ने हत्या के मामले में आरोपियों को खोजने की ठान ली और 33 साल पुराने हत्या के दो आरोपियों को 10 दिन में अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने एक आरोपी को नागपुर से पकड़ा है। बताया जा रहा है कि वह नागपुर में जड़ी बूटी बेचता था।
साधु के वेश में छिपा था दूसरा आरोपी
दूसरा आरोपी मंदिर में साधु के वेश में छिपा हुआ था। जानकारी के मुताबिक आरोपी हिब्बू उर्फ प्रभुदयाल ने 1991 में अपने एक दोस्त के साथ मिलकर जमीन विवाद में एक युवक की हत्या कर दी थी।
स्पेशल प्लान बनाया, गाड़ी के पास आते ही अरेस्ट किया
पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया। पुलिस जाम गेट के पार्वती मंदिर पहुंच गई। यहां लगभग 12 से ज्यादा साधु थे। इन्हीं में से एक हिब्बू बाबा बनकर छिपा था। उसे पहचानने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन पुलिस जैसे-तैसे आरोपी तक जा पहुंची। पुलिस ने आरोपी से भक्त बनकर बात की और कहा कि बाबा मेरी मां की तबीयत खराब है। वो गाड़ी में बैठी हैं। आप चलकर आशीर्वाद दे दो। जैसे ही, बाबा गाड़ी के पास आशीर्वाद देने आए, पुलिस ने पकड़ लिया।
आधार बनवाया, सरनेम छिपाया
आरोपी हिब्बू ने अपनी पहचान छिपाने के लिए आधार भी बनवा लिया था, लेकिन आधार में सरनेम छिपाया। दाढ़ी और सिर के बाल भी बढ़ा लिए थे। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। हालांकि मामले में दूसरा आरोपी उम्मू उर्फ उमाशंकर तिवारी अभी फरार है। उसकी तलाश भी जारी है।
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