Sagar : सिक्योरिटी गार्ड्स को मौत के घाट उतार देता था यह सीरियल किलर, हैवानियत जान दंग रह जाएंगे आप

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एक अबोध बालक और सोता हुआ व्यक्ति एक ही श्रेणी में आते हैं। उन पर हो रहे प्रतिघात व हमले से प्रतिरक्षा का अवसर नहीं मिलता, इसलिए अभियुक्त को सख्त सजा मिलनी चाहिए...

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Sandeep Kumar
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सिक्योरिटी गार्ड्स ( security guards ) की जान लेने वाले सीरियल किलर ( serial killer ) को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपी ने 6 दिन में 4 सुरक्षा गार्ड्स को मौत के घाट उतार दिया था। 2 साल तक चले केस के बाद अदालत ने उसे सजा दी है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एक अबोध बालक और सोता हुआ व्यक्ति एक ही श्रेणी में आते हैं। उन पर हो रहे प्रतिघात व हमले से प्रतिरक्षा का अवसर नहीं मिलता, इसलिए अभियुक्त को सख्त सजा मिलनी चाहिए, जिससे समाज में उचित संदेश जाए। इसी टिप्पणी में साथ सागर के अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश प्रशांत सक्सेना की कोर्ट ने सीरियल किलर शिवप्रसाद उर्फ हल्कू धुर्वे को उम्रकैद सुनाई है।

चलिए अब आपको सीरियल किलर हल्कू की कहानी बताते हैं

नाम- शिव गोंड उर्फ हल्कू। उम्र 19 साल। पहचान- सीरियल किलर। छह दिन में चार गार्ड्स की हत्या। तीन सागर में और एक भोपाल में। सभी का तरीका एक जैसा। सोते हुए गार्ड्स पर वार करना। शिव अब पुलिस की गिरफ्त में है। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात भोपाल में चौकीदार की हत्या के बाद सागर पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर शिव को गिरफ्तार कर लिया। मोबाइल भी उसी चौकीदार का था जिसकी दो दिन पहले सागर में उसने हत्या की थी। इन सिलसिलेवार हत्याओं की वजह है- फेमस होने की चाहत।

सबसे पहले सीरियल किलर को जानते हैं

शिव 8वीं तक पढ़ा है। गांव के उप सरपंच बसंत मेहर बताते हैं कि वह बचपन में लड़ाकू प्रवृत्ति का था। स्कूल में गांव के लड़कों को छोटी-छोटी बात पर पीट देता था। उसकी गांव में किसी से दोस्ती नहीं थी। सभी से झगड़ता रहता था। 6 साल पहले 13 साल की उम्र में घर से भागकर सागर आया। ट्रेन से पुणे पहुंचा। यहां होटल में नौकरी करने लगा। शिव बीच-बीच में एक-दो दिन के लिए गांव आता था। यहां किसी से मिलता-जुलता नहीं था। एक दिन होटल मालिक के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया। शिव ने उसे इतना पीटा कि अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। शिव को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पिता नन्हे आदिवासी उसे छुड़ाकर लाए। इसके बाद वह गोवा चला गया। यहां वह काम करते-करते इंग्लिश बोलने-समझने लगा।

हल्कू ने मां से बोला था जल्द पहचानने लगेंगे लोग

मां सीताबाई ने बताया कि जब वह रक्षाबंधन पर घर आया था, तब स्वभाव से ऐसा नहीं लगा कि वह बेगुनाहों को मार रहा है। हां, वह इतना जरूर कहता था कि जल्द ही उसे लोग पहचानने लगेंगे। शिव सबसे छोटा बेटा है। बड़ा बेटा पुणे में मजदूरी करता है। दो बहनों की शादी हो चुकी हैं। पिता के पास एक-डेढ़ एकड़ कृषि भूमि है। उसी से उनका खर्च चलता है।

65 किलोमीटर साइकिल चला कर सागर आया

केकरा गांव से शिव साइकिल से 65 किलोमीटर का सफर तय कर सागर पहुंचा। 25 अगस्त को कोतवाली क्षेत्र के कटारा स्थित एक धर्मशाला में रूम लेकर रुका। यहां कैंट थाना क्षेत्र में 27 अगस्त की रात कारखाने में तैनात चौकीदार कल्याण लोधी (50) के सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या कर दी। अब तक वह इन चार लोगों को मार चुका...

सागर में ऐसी दिया था वारदात को अंजाम

राहुल दुबे ने पुलिस को बताया, मैं आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में चौकीदार था। 29 अगस्त 2022 की रात मेरी तबीयत खराब होने के कारण पिता शंभूदयाल दुबे चले गए। करीब 9.30 बजे घर से चौकीदार जगदीश रैकवार ने फोन किया। बताया- तुम्हारे पिता का मर्डर हो गया है। मैं और मेरी मां पुष्पा देवी कॉलेज पहुंचे। यहां गेट के पास बने कमरे में पिता अचेत अवस्था में लहूलुहान बिस्तर में पड़े थे। पास में खून से लथपथ बड़ा पत्थर पड़ा था। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच में लिया।

भोपाल से हुई थी गिरफ्तारी 

पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। आरोपी घटना स्थल से शंभूदयाल का मोबाइल, साइकिल लेकर गया था। उसके द्वारा अन्य घटना करने के बाद भोपाल में मोबाइल चालू किया था। इसकी सीडीआर और लोकेशन के आधार पर पुलिस से भोपाल से आरोपी शिवप्रसाद उर्फ हल्कू धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी के पास से मोबाइल जब्त किया गया।

कोर्ट ने सुनाई सजा

जांच के बाद सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने प्रकरण से जुड़े 25 अभियोजन साक्षियों की गवाही कराई। 66 दस्तावेजों को प्रदर्शित किया। कोर्ट ने आरोपी शिवप्रसाद को थाना सिविल लाइन के तहत हत्या के मामले में धारा 302 के तहत उम्रकैद और 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। वहीं, धारा 460 के तहत 10 साल का सश्रम कारावास और तीन हजार रुपए जुर्माना, धारा 201 के तहत तीन साल की जेल और दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

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