संजय गुप्ता, INDORE
मप्र के पूर्व सीएम और मप्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कमलनाथ के साथ उनके सांसद पुत्र नकुलनाथ के बीजेपी में जाने की सुगबुगाहट के पूर्व मंत्री व सोनकच्छ के पूर्व विधायक व देवास के पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने भी अपने सोशल मीडिया से कांग्रेस शब्द हटा दिया है। पहले कांग्रेस के पंजे के चिह्न के साथ फोटो थी लेकिन अब किसी भी पार्टी का लोगो नहीं है। साथ ही इंदौर से भी दो पूर्व विधायकों के नाम चर्चा में आ गए हैं। इसमें इंदौर विधानसभा एक के पूर्व संजय शुक्ला और देपालपुर के पूर्व विधायक विशाल पटेल के नाम शामिल है। दोनों ही कमलनाथ के सबसे करीबी नेताओं में शामिल है।
शुक्ला को लगातार रहे हैं बीजेपी में आने के ऑफर
इसके पहले शुक्ला को लगातार बीजेपी में आने के ऑफर आते रहे हैं। महापौर चुनाव के समय भी उन्हें बीजेपी में आने का ऑफर था तो वहीं विधानसभा चुनाव के पहले भी लगातर उनके और बीजेपी के कुछ नेताओं में लगातार चर्चा चलती रही। लेकिन उस समय कमलनाथ ने ही शुक्ला को सीधे फोन कर उन्हें बीजेपी में जाने से रोका था।
शुक्ला और पटेल दोनों एक -दूसरे के भी करीबी
दोनों करोड़पति नेता है, शुक्ला जहां 200 करोड़ से अधिक संपत्ति के आसामी है तो वहीं पटेल भी 140 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक है। दोनों ही कांग्रेस के कई आयोजनों में आर्थिक तौर पर मदद करते रहे हैं चाहे वह राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा रही हो या फिर विधानसभा चुनाव के दौरान स्टार प्रचारकों के खर्चे की बात रही हो। शुक्ला और पटेल के आपसी संबंध भी काफी प्रगाढ़ है। ऐसे में यदि कांग्रेस में बड़ी टूट-फूट होती है और कमलनाथ बीजेपी में जाते हैं तो इंदौर से इन दोनों पूर्व विधायक के बीजेपी में जाने की संभावनाएं सबसे प्रबल रहेंगी।
इंदौर में कौन किस गुट का नेता
इंदौर में विधानसभा एक व देपालपुर से चुनाव लड़ने वाले शुक्ला व पटेल ही मुख्य रूप से कमलनाथ गुट के हैं। विधानसभा दो से चुनाव लड़ने वाले चिंटू चौकसे भी कमलनाथ गुट के ही है, इंदौर तीन से चुनाव लड़े पिंटू जोशी दिग्गी गुट से जुड़े हैं तो चार से चुनाव लड़ने वाले राजा मंधवानी सज्जन सिंह वर्मा से जुडे हैं, इंदौर पांच से चुनाव लड़े सत्तू पटेल सीधे प्रियंका गांधी से जुड़े हैं, राउ से जीतू पटवारी सीधे हाईकमान से जुड़े हैं तो वहीं सांवेर से रीना बौरासी दिग्गी गुट के साथ है., महू में किशोर शुक्ला बीजेपी से कांग्रेस में आए थे और चुनाव लड़े थे।