'बेटू' के गले में था 18 ग्राम का ट्यूमर, ऑपरेशन कर बचाई 20 साल के तोते की जान

सतना जिले में एक 20 साल के तोते की जान बचाने के लिए जिला पशु अस्पताल में पहली बार जटिल सर्जरी की गई। डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक 18 ग्राम का ट्यूमर निकाल लिया।

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Amresh Kushwaha
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बेटू के गले में था 18 ग्राम का ट्यूमर
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पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक असाधारण सर्जरी ने सतना जिले को चर्चा का केंद्र बना दिया है। यहां एक 20 साल के तोते की जान बचाने के लिए जिला पशु अस्पताल में पहली बार जटिल सर्जरी की गई। यह घटना न केवल अस्पताल, बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय बन गई है, क्योंकि जटिल ऑपरेशन के बाद 'बेटू' नाम के इस तोते ने फिर से जीवन की नई 'उड़ान' भरनी शुरू कर दी है।

दरअसल, मुख्त्यारगंज निवासी चंद्रभान विश्वकर्मा के घर का सबसे प्यारा सदस्य है बेटू। वह कोई साधारण तोता नहीं, बल्कि पूरे 20 साल का है। हाल ही में बेटू के गले में एक बड़ी गांठ दिखाई देने लगी, जिसने परिवार को चिंतित कर दिया। गांठ इतनी बढ़ गई थी कि बेटू न ठीक से खा पा रहा था, न पानी पी पा रहा था। दिन-ब-दिन उसकी हालत बिगड़ने लगी। 

पशु अस्पताल की टीम ने ली चुनौती

परिवार ने तुरंत सतना के जिला पशु अस्पताल का रुख किया। डॉक्टर बृहस्पति भारती ने बेटू की प्रारंभिक जांच की। उन्होंने बताया कि उसके गले में 18 ग्राम का एक ट्यूमर है। यह सुनते ही परिवार चिंता में आ गया। डॉक्टरों के सामने चुनौती बड़ी थी, क्योंकि ऐसी सर्जरी अस्पताल में कभी किसी पक्षी की नहीं की गई थी। 

असाधारण सर्जरी का सफर

डॉक्टर बृहस्पति भारती की टीम ने निर्णय लिया कि सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है। इसमें उनके साथ डॉ. बालेंद्र सिंह और आशुतोष भी जुड़े। यह ऑपरेशन किसी आम सर्जरी से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि तोते का छोटा शरीर, नाजुक अंग और उसकी उम्र ने मामला और जटिल बना दिया था। पूरी टीम ने सतर्कता और कुशलता के साथ काम किया। घंटों की मेहनत के बाद, डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक 18 ग्राम का ट्यूमर निकाल लिया। 

बेटू की सलामती और परिवार की खुशी

सर्जरी के बाद बेटू की हालत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। उसने फिर से खाना-पीना शुरू कर दिया। जैसे ही बेटू की चोंच ने पहली बार दाना उठाया, चंद्रभान के परिवार ने राहत की सांस ली। परिवार ने डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए कहा, "लगा था कि हमारा बेटू अब नहीं बचेगा, लेकिन डॉक्टरों ने सर्जरी कर हमारे परिवार की खुशियों को फिर से लौटा दिया।"

पशु चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि

डॉ. बृहस्पति भारती ने इस सर्जरी को अपने करियर की महत्वपूर्ण सफलता बताया। उन्होंने कहा कि यह सर्जरी हमारे लिए एक मील का पत्थर है। अब हम भविष्य में ऐसे और जटिल मामलों का सामना करने के लिए तैयार हैं। हमारे पास अनुभव और संसाधन दोनों हैं।

सर्जरी के बाद बेटू अब तेजी से ठीक हो रहा है। उसकी चहचहाहट फिर से सुनाई देने लगी है। घर का माहौल एक बार फिर से खुशियों से भर गया है।  

यह घटना सिर्फ एक सर्जरी नहीं, बल्कि यह दिखाती है कि जानवरों के लिए भी चिकित्सा क्षेत्र में कितनी संभावनाएं हैं। बेटू का यह दूसरा जीवन न केवल डॉक्टरों के कौशल की गवाही है, बल्कि यह भी साबित करता है कि अगर सही इलाज मिले तो छोटे से छोटे जीवन को भी बचाया जा सकता है।

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