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परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, जो विभाग की काली कमाई से धनकुबेर बने, और उनके सहयोगी चेतन सिंह की कई संपत्तियां और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। जांच में पता चला कि लोकायुक्त, सीबीआई और अन्य एजेंसियों को महीनों पहले से ही सौरभ के खिलाफ लिखित शिकायतें मिल रही थीं। उनके और उनके सहयोगी चेतन सिंह के नाम से अब तक 500 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्तियां जुड़ी हैं।
ईओडब्ल्यू ने दी थी क्लिन
लोकायुक्त संगठन के सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक साल में सौरभ के खिलाफ 50 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इन शिकायतों में बैरियर से वसूली, देसी हवाला, अफसरों को रिश्वत और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं। हालांकि, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने प्रारंभिक जांच में सौरभ को क्लीनचिट दे दी थी। यह तथ्य अब सवालों के घेरे में है, क्योंकि छापेमारी में सौरभ की काली कमाई के पुख्ता सबूत मिले हैं।
नकद लेनदेन पर उठे सवाल
एक शिकायकर्ता के अनुसार, 2008 में भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) से शाहपुरा में आधा एकड़ जमीन खरीदी गई थी। इस लेनदेन में 18.94 लाख रुपए नकद जमा किए गए। यह राशि "राजमाता शिक्षा एवं समाज समिति" के नाम से दी गई थी, जो सौरभ की पत्नी अर्चना शर्मा द्वारा संचालित है। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि समिति के खाते में इस समय नकदी नहीं थी, जिससे बीडीए की प्रक्रिया पर भी सवाल उठे हैं।
परिवार के नाम पर फैला 500 करोड़ का साम्राज्य
जानकारी के मुताबिक सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियां खरीदकर उन्हें सुरक्षित रखने की कोशिश की। उनकी पत्नी दिव्या शर्मा के नाम पर इंद्रा सागर डेम का टेंडर था। ग्वालियर में 18 एकड़ जमीन और इंदौर में तीन घर भी उनके नाम हैं। उनके बेटे अभिरल के नाम लाखों की एफडी दर्ज है। उनकी मां उमा शर्मा और चेतन सिंह के नाम पर भोपाल के सूखी सेवनिया क्षेत्र में एक वेयरहाउस और कोलार रोड पर एक बड़ा स्कूल पाया गया।
विदेशों तक फैला साम्राज्य
सौरभ ने दुबई में 150 करोड़ रुपए का विला खरीदा, जो एमआर ग्रुप बिल्डर से लिया गया था। इसके अलावा भोपाल में मयूर विहार, अरेरा कॉलोनी और 11 नंबर बस स्टॉप पर चार बंगले भी पाए गए।
छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा
लोकायुक्त पुलिस की छापेमारी में सौरभ के ठिकानों से 234 किलो चांदी, करोड़ों की नकदी और अन्य दस्तावेज बरामद हुए। उनके सहयोगी की लावारिस कार से 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए नकदी भी मिली।
सवालों के घेरे में क्लीनचिट
जांच एजेंसियों द्वारा पहले दी गई क्लीनचिट पर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिन संपत्तियों को सौरभ से जोड़ा गया है, उनमें से कई की जांच अधूरी रह गई थी।
सौरभ शर्मा का फरार होना
छापेमारी और बरामदगी के बाद सौरभ शर्मा दुबई भाग गए। यह घटना उनके खिलाफ कार्रवाई की गति और प्रभावशीलता पर सवाल उठाती है।
जांच जारी, कई अनकहे राज
लोकायुक्त और अन्य जांच एजेंसियां अब सौरभ के खिलाफ जांच तेज कर रही हैं। सवाल उठ रहे हैं कि इतनी संपत्ति अर्जित करने में सौरभ को कौन-कौन से अधिकारियों और राजनीतिक ताकतों का साथ मिला।
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