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भोपाल के कारोबारी और परिवहन विभाग के रिटायर्ड आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री ने भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति के इस हाई- प्रोफाइल मामले को और सनसनीखेज बना दिया है। सौरभ शर्मा के फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने से लेकर करोड़ों की संपत्ति खड़ी करने और रसूखदार नेताओं और अधिकारियों के साथ सांठगांठ तक, यह मामला प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की तस्वीर पेश करता है।
कैसे सौरभ बना 'छोटी मछली' से 'बड़ा खिलाड़ी'
सौरभ शर्मा की कहानी भ्रष्टाचार की दलदल में छोटी मछली से बड़े मगरमच्छ बनने की है। मात्र सात साल की नौकरी में उसने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की।
- लोकायुक्त का छापा: 19 दिसंबर को अरेरा कॉलोनी स्थित घर पर लोकायुक्त की टीम ने छापा मारा। यहां से 1.15 करोड़ नकद, 50 लाख का सोना और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले।
- फर्जी नौकरी: सौरभ ने अपने पिता की अनुकंपा नियुक्ति के तहत परिवहन विभाग में नौकरी पाई, लेकिन RTI से सामने आया कि उसके दस्तावेज फर्जी थे।
दरअसल सौरभ का असली खेल परिवहन विभाग में दलाली और ट्रांसफर-पोस्टिंग से शुरू हुआ। उसने नेताओं और अफसरों के संरक्षण में नाका तैनाती और रियल एस्टेट में निवेश कर करोड़ों कमाए।
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ED की जांच: बड़े नामों की मुश्किलें बढ़ेंगी
अब जब ED ने इस मामले में केस दर्ज किया है, तो सौरभ शर्मा के प्रभावशाली संबंधों की परतें खुलने की उम्मीद है।
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दुबई कनेक्शन: लोकायुक्त की जांच में सौरभ का दुबई में होना और वहां निवेश की संभावनाएं सामने आई हैं। जाहिर है सौरभ बिना बड़े नामों के दुबई तक कनेक्शन नहीं बना सकता।
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प्रभावशाली संरक्षण: सूत्रों का दावा है कि सौरभ को एक मंत्री का संरक्षण प्राप्त था, जो कमलनाथ सरकार और शिवराज सरकार, दोनों में मंत्री रहे हैं।
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बेनामी संपत्ति: ED अब सौरभ के होटल, स्कूल और रियल एस्टेट में किए गए निवेश की जांच कर रही है। सवाल जो जवाब मांगते हैं
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नेताओं और अफसरों की भूमिका: क्या सौरभ के संपर्क में रहे बड़े नाम बेनकाब होंगे?
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दुबई कनेक्शन: क्या सौरभ ने अवैध धन विदेश भेजा है?
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व्यवस्था में भ्रष्टाचार: क्या यह मामला परिवहन विभाग में गहरे भ्रष्टाचार का सिरा है?
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असली मगरमच्छों की तलाश
सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी और उसकी संपत्ति जब्ती के बाद यह साफ है कि वह केवल एक मोहरा है। असली खेल उन रसूखदार नेताओं और अधिकारियों का है, जिनके संरक्षण में सौरभ जैसे खिलाड़ी पनपते हैं। ED की जांच से न केवल सौरभ के दुबई कनेक्शन का खुलासा होगा, बल्कि वह चेहरों से नकाब भी हटेगा, जिन्होंने इस भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें फैलाईं। जाहिर है आने वाले दिनों में ED की कार्रवाई प्रदेश के कई बड़े नामों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
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