सौरभ शर्मा तो छोटी मछली, मगरमच्छों को बचाने छिपाए जा रही सच्चाई
सौरभ शर्मा के भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने गंभीर सवाल उठाए है। सकलेचा ने कहा कि मामले में मगरमच्छों का बचाव करने के लिए सरकार सही तथ्यों को छिपा रही है। मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए।
सौरभ शर्मा केस में पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने लगाए आरोप। Photograph: (the sootr)
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RATLAM@आमीन हुसैन
मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के भष्ट्राचार मामले में सियासी हंगामा मचा हुआ है। सौरभ शर्मा के खिलाफ जारी जांच में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। 'धनकुबेर' सौरभ के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद मामले में कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर बनी हुई है। अब कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने मामले में गंभीर सवाल उठाए हैं। सकलेचा ने कहा कि इस कांड में मगरमच्छों का बचाव करने के लिए सही तथ्यों को छुपाया जा रहा है। सकलेचा ने मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
पारस सकलेचा ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने सौरभ शर्मा भ्रष्टाचार कांड को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कांड से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है, ताकि चेक पोस्टों पर हो रही अवैध वसूली के आंकड़े उजागर न हो सकें। उन्होंने कहा कि मगरमच्छों को बचाने के लिए सौरभ शर्मा कांड में तथ्यों को छुपाया जा रहा है। 500 से 1000 करोड़ तो ऊंट के मुंह में जीरा के समाने है।
जानबूझकर तथ्यों को छिपा रही सरकार
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने आरोप लगाया कि मामले में सरकार जानबूझकर तथ्यों को छिपा रही है। सकलेचा का कहना है कि चेक पोस्टों पर अवैध वसूली से हर साल हजारों करोड़ की राशि इकट्ठी की जाती है, लेकिन सरकार इस मामले की जांच को दबाने की कोशिश कर रही है। सकलेचा ने तंज कसते हुए कहा कि सौरभ शर्मा तो इस भ्रष्टाचार के महासागर की सबसे छोटी मछली है, मगरमच्छों को सामने लाने और पकड़ने के लिए सीबीआई जांच होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री की चिंता के बाद भी नहीं दिखाई गंभीरता
पारस सकलेचा ने आगे कहा की केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मामले पर हस्तक्षेप किया था। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री को 16 जुलाई 2022 को पत्र लिखकर अवैध वसूली और चेक पोस्टों पर हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर चिंता जताई थी। नितिन गडकरी ने कहा था, "मध्य प्रदेश का नाम खराब हो रहा है और इस समस्या का कोई हल अभी तक नहीं निकला है।" गडकरी ने मुख्यमंत्री से सख्त और उचित कार्रवाई की अपील की थी, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने इस मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया और मामले को नस्तीबद्ध कर दिया गया।
पूर्व विधायक ने कहा कि 2 दिसंबर 2020 को चेक पोस्टों के कर्मचारियों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर बताया था कि सौरभ शर्मा को आठ चेक पोस्टों का डमी प्रभारी बना दिया गया था। इसके बाद निजी व्यक्तियों से कार्य लिया और अवैध वसूली के लिए मारपीट भी की। साथ ही बताया था कि चेक पोस्ट पर चालान काटना, टैक्स काटना, रोजनामचा लिखना की कार्यवाही भी शर्मा द्वारा की जा रही है। इस मामले में विभागीय जांच पहले से चल रही थी, लेकिन सौरभ शर्मा ने स्वैच्छिक त्यागपत्र दे दिया। पारस सकलेचा ने इसे भी एक बड़ा षड्यंत्र बताया, जो सौरभ शर्मा के आकाओं को बचाने के लिए रचा गया था।
पारस सकलेचा ने लगाए गंभीर आरोप Photograph: (the sootr)
चेक पोस्टों पर करोड़ों की अवैध वसूली
सकलेचा ने कहा कि सौरभ के लिए 500 से 1000 करोड़ रुपए तो ऊंट के मुंह में जीरा है। सारे चेक पोस्टों पर मिलाकर हर साल 3 करोड़ से ज्यादा वाहन से औसतन 6 से 8 हजार करोड़ की अवैध वसूली की गई हैं। जिससे शासन के राजस्व में गिरावट हुई हैं। 2016-17 में 2 करोड़ वाहन की चेकिंग कर 5.6 लाख से 154 करोड़ राजस्व वसूला गया था। वहीं 2022-23 में 3 करोड़ से ज्यादा वाहन की चेकिंग कर 1.6 लाख से 86 करोड़ राजस्व वसूला गया।