मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से एक और बड़ा मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यह केस सौरभ शर्मा द्वारा 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के दौरान झूठी जानकारी देने को लेकर दर्ज किया गया है। सौरभ और उसकी मां ने शपथ पत्र में परिवार के अन्य सदस्य की जानकारी छिपाई थी, खासकर उसके बड़े भाई सचिन शर्मा के बारे में, जो छत्तीसगढ़ सरकार में नौकरी कर रहे थे।
धोखाधड़ी का आरोप
सौरभ की नियुक्ति के समय शपथ पत्र में यह बात छिपाई गई कि उनके बड़े भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार के सड़क विकास निगम में कार्यरत हैं। सहायक परिवहन आयुक्त की जांच में यह तथ्य सामने आया, जब छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग से कर्मचारियों की सूची मंगवाई गई, जिसमें सचिन शर्मा का नाम शामिल था। इससे सौरभ द्वारा दी गई जानकारी झूठी साबित हुई, और अब ग्वालियर के सिरोल थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
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सौरभ शर्मा की संपत्ति और जांच
सौरभ शर्मा केस काफी हाई प्रोफाइल बना चुका है, जब साल 2024 में, लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने सौरभ के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां से करोड़ों रुपए की नकद राशि और सोना बरामद हुआ था। सौरभ ने इन संपत्तियों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इसके बाद उसकी संपत्ति और निवेश के कई दस्तावेज सामने आए, जो अब जांच के दायरे में हैं।
सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ अब तक की जांच में कई संदिग्ध संपत्तियां भी सामने आई हैं, जिनमें एक व्यावसायिक बिल्डिंग और हाईवे पर करोड़ों की जमीन का लेन-देन शामिल है।
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पुलिस की कार्रवाई
वहीं इस पूरे मामले में ग्वालियर SSP धर्मवीर सिंह ने बताया कि, सिरोल थाना में आरोपी सौरभ शर्मा और उनकी मां के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई के लिए साक्ष्यों को एकत्र कर रही है।
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