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सावन का आखिरी सोमवार
कल, 4 अगस्त 2025 को सावन महीना का आखिरी सोमवार (सावन का चौथा सोमवार) है, जो भगवान शिव की कृपा पाने का बहुत ही खास दिन है। ऐसे में एमपी में कई ऐसे प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके दर्शन से विशेष पुण्य मिलता है। आइए जानते हैं इन मंदिरों का महत्व और उनके रहस्य। (sawan)
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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, उज्जैन
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग कहते हैं। यहां बाबा महाकाल राजा की तरह विराजमान हैं, जो भक्तों को सुख-समृद्धि देते हैं। सावन सोमवार को भस्म आरती में शामिल होने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और डर खत्म होता है।
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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, खंडवा
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के पास 'ॐ' के आकार में बना है, जो इसे बहुत पवित्र बनाता है। यहां भगवान शिव और मां पार्वती का वास माना जाता है। इस मंदिर में दर्शन और नर्मदा में नहाने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष मिलता है।
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भोजपुर शिव मंदिर, रायसेन
भोजपुर मंदिर को "उत्तरी भारत का सोमनाथ" कहा जाता है, जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा अधूरा शिवलिंग है। यह मंदिर राजा भोज ने बनवाया था और इसकी बनावट आज भी एक रहस्य है। सावन सोमवार को यहां जल चढ़ाने से महादेव खुश होते हैं और सारे दुख दूर होते हैं।
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पशुपतिनाथ मंदिर, मंदसौर
यह मंदिर शिवना नदी के पास है और यहां भगवान शिव की आठ मुख वाली अनोखी मूर्ति है। इस मूर्ति के दर्शन से जीवन के हर क्षेत्र में सुख और शांति मिलती है। सावन में, खासकर सोमवार को, यहां भक्तों की बहुत भीड़ रहती है।
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चौसठ योगिनी मंदिर, खजुराहो
यह खजुराहो का सबसे पुराना मंदिर है, जो देवी काली को समर्पित है और शिव की शक्ति से जुड़ा है। इस मंदिर की संरचना और इसकी ऊर्जा आज भी रहस्यमयी मानी जाती है। सावन सोमवार को यहां दर्शन से नकारात्मकता दूर होती है और अच्छी ऊर्जा आती है।
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ककनमठ मंदिर, मुरैना
यह प्राचीन शिव मंदिर बिना किसी सीमेंट के सिर्फ पत्थरों से बना है, जो इंजीनियरिंग का कमाल है। माना जाता है कि इसे भूत-प्रेतों ने एक रात में बनाया था। सावन सोमवार को यहां आने वाले भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं और मन को शांति मिलती है।