कंप्यूटर ऑपरेटर की पत्नी को मिल रही थी मृत शिक्षक की सैलरी, 5 क्लर्क समेत 11 लोगों के खिलाफ FIR

मध्‍य प्रदेश के मंडला में बीईओ कार्यालय निवास में 45 लाख का घोटाला उजागर हुआ है। मामले में 3 बीईओ, 5 क्लर्क समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जानें पूरा मामला

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Vikram Jain
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Scam of Rs 45 lakh in Mandla Niwas BEO office
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BHOPAL. मध्यप्रदेश के मंडला के निवास में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) ऑफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर का हैरान करने वाला कारनामा सामने आया है। यहां कंप्यूटर ऑपरेटर ने 11 लोगों के साथ मिलकर मृत कर्मचारियों के नाम का वेतन और भत्ते का भुगतान करा दिया। सभी ने मिलकर 45 लाख रूपए का घोटाला किया है। अब मामले का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने 5 क्लर्क, कंप्यूटर ऑपरेटर समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

45 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले में राज्य वित्तीय आसूचना इकाई (SFIC) की शुरुआती जांच के बाद केस दर्ज किया है। SFIC को ट्रेजरी विभाग से ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के ऑफिस के कुछ संदिग्ध लेनदेन का पता चला था। जिसके बाद हैरान करने वाला मामला सामने आया।

कंप्यूटर ऑपरेटर ने किया खेल

जांच में सामने आया कि साल 2018 से 2024 के बीच अलग-अलग निजी खातों में 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे। मृत कर्मचारियों के नाम पर वेतन निकाला गया था। ये पैसा दूसरे निजी खातों में ट्रांसफर किया गया था। यहां तक कि स्कॉलरशिप का पैसा भी एक ही व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। इस बड़े घोटाले में प्रमुख भूमिका अस्थायी कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश बर्मन की सामने आई  है। सतीश बर्मन पर आरोप है कि वह लंबे समय से मृत कर्मचारियों का वेतन अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर रहा था। भुगतान में भारी गड़बड़ी पाई गई है। ट्रेजरी के ज्वॉइंट डायरेक्टर सहित अन्य टीमों ने 5 महीनों तक मामले की जांच की। इसके बाद अब शिक्षा विभाग की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है।

जांच के बाद घोटाले का पर्दाफाश

SFIC के लिए पत्र के जांच शुरू हुई और करीब 45 लाख के घोटाले का पर्दाफाश हुआ। जांच में पाया गया कि कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश बर्मन अगस्त 2020 से एक मृत सहायक शिक्षक का वेतन अपने और अपनी पत्नी के खातों में ट्रांसफर कर रहा था। उसने अपने एक और रिश्तेदार के अकाउंट में भी पैसा ट्रांसफर किया। इसके साथ ही अन्य मदों के भुगतान में भारी गड़बड़ी पाई गई। इसके अलावा, स्कॉलरशिप का पैसा टीचर्स के खातों में डाला गया, बोर्ड को दी जाने वाली संबद्धता फीस दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दी गई।

मंडला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि निवास ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पिछले 5 सालों में 45 लाख रुपए के गबन की शिकायत मिली थी। कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश बर्मन, पूर्व और वर्तमान बीईओ और 5 क्लर्कों समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनकी मामले में लापरवाही और संलिप्तता पाई गई है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

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