सावन का दूसरा सोमवार, निकलेगी बाबा महाकाल की दूसरी सवारी, पुलिस बैंड देगा सलामी

कल यानी 29 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार है। उज्जैन में भगवान महाकाल की श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में निकाली जाएगी। इस दौरान पुलिस ब्रास बैंड के 350 नव प्रशिक्षित जवान और अधिक भव्यता प्रदान करेंगे।

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Sandeep Kumar
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उज्जैन में सावन के दूसरे सोमवार को निकलने वाली बाबा महाकाल ( Baba Mahakal ) की सवारी को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। भगवान महाकाल की श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में निकाली जाएगी। हाथी पर बाबा महाकाल श्री मनमहेश के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। 

अपर कलेक्टर ने दी जानकारी

अपर कलेक्टर मृणाल मीना ( Additional Collector Mrinal Meena ) ने बताया कि महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान पुलिस ब्रास बैंड के नव प्रशिक्षित जवान और अधिक भव्यता प्रदान करेंगे।

भगवान को दी जाएगी सलामी 

उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी को पुलिस ब्रास बैंड के 350 नव प्रशिक्षित जवान और अधिक भव्यता प्रदान करेंगे। बैंड द्वारा प्रस्तुत मधुर धुनों से सवारी में उत्साह, उमंग और आकर्षण कई गुना बढ़ जाएगा। मध्य प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस के जवानों को 6 माह का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस बैंड द्वारा क्षिप्रा तट पर पूजन के समय दत्त अखाड़ा घाट पर भी विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।

सलामी के बाद निकलेगी सवारी

बाबा महाकाल की सलामी के बाद उनकी सवारी निकलेगी। सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां मां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

जानें पुलिस बैंड की खासियत

मध्य प्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू मध्य प्रदेश पुलिस बैंड रहा है। मध्यप्रदेश पुलिस बैंड की स्थापना वर्ष 1988 में 7वीं वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल, भोपाल में की गई थी। इसके बाद प्रथम वाहिनी इंदौर, दूसरी वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (विसबल) ग्वालियर, 6वीं वाहिनी विसबल जबलपुर और जेएनपीए सागर में पुलिस बैंड की शाखाओं को खोला गया था। वर्तमान में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन की विसबल इकाइयों में ब्रास बैंड तथा रीवा इकाई में पाइप बैण्ड स्थापित है।

सभी जिलों में पुलिस बैंड की स्थापना 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर 6 माह के प्रशिक्षण के बाद अब प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बैंड की स्थापना की गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सभी जिलों में स्थापित पुलिस बैंड में विधिवत रूप से भर्तियां किए जाने की भी घोषणा की है।

बैंड के लिए दिया प्रशिक्षण

प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड की स्थापना के लिए प्रथम वाहिनी विसबल, इंदौर, छठी वाहिनी विसबल जबलपुर एवं सातवीं वाहिनी विसबल भोपाल के 321 जवानों को प्रशिक्षण दिया गया तथा 19 कर्मचारियों को एसटीसी बैंगलुरू भेजा गया था। इस प्रकार कुल 340 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।

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