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मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां आष्टा के शांति नगर में मनोज परमार नाम के एक शख्स ने पत्नी के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि फांसी लगाने वाले शख्स के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी से परेशान होकर इस शख्स ने आत्महत्या को गले लगाया है। दिग्विजय ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी को शख्स के बच्चों ने गुल्लक भेंट की थी, जिसकी वजह से मनोज के घर पर ED ने छापा मारा था।
जानकारी के मुताबिक, गुल्लक टीम चलाने वाले मनोज परमार और उनकी पत्नी अपने निवास पर फांसी के फंदे पर लटके मिले। बता दें कि 5 दिसंबर को ED ने उनके ठिकानों पर दबिश दी थी, जिसके बाद उनकी चल-अचल संपत्ति को सीज कर दिया गया था।
दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?
राज्यसभा के सांसद और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा,आष्टा सिहोर जिला मप्र के मनोज परमार को बिना कारण ED द्वारा परेशान किया जा रहा था। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल जी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ED के Astt Director भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है।
दिग्विजय ने आगे लिखा कि मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि आज उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्म हत्या कर ली। मैं इस प्रकरण में Director ED से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।
आष्टा सिहोर जिला मप्र के मनोज परमार को बिना कारण ED द्वारा परेशान किया जा रहा था। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल जी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ED के Astt Director भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई…
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) December 13, 2024
विवेक तन्खा ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
दिग्विजय के अलावा कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने भी इस सुसाइड केस को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि इसकी सम्पूर्ण जांच होनी चाहिए। एजेंसीज की वर्किंग पे संसद में डिबेट जरूर होना चाहिए। अधिकारियों को प्रताड़ित करने का अधिकार किसने दिया है ? जरूरत पड़ी तो न्यायिक जांच की दरखास्त हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी लग सकती है। बहुत दुखद।
बहुत दुर्भाग्यपूर्ण !! इसकी सम्पूर्ण जाँच होनी चाहिए। एजेंसीज की वर्किंग पे संसद में डिबेट ज़रूर होना चाहिए। अधिकारियों को प्रताड़ित करने का अधिकार किसने दिया है ?? ज़रूरत पड़ी तो न्याय यिक जाँच की दरखास्त हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी लग सकती है। बहुत दुखद।
— Vivek Tankha (@VTankha) December 13, 2024
17 लोगों के नाम सुसाइड नोट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुदकुशी करने से पहले व्यापारी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित 17 लोगों के नाम 6 पेज का सुसाइड नोट छोड़ गया है। परमार की ओर से इसमें 6 प्वाइंट्स पर पूरे घनाक्रम का जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से उसे खुदकुशी करने पर मजबूर होना पड़ा। सुसाइड नोट में जांच एजेंसी के अधिकारी द्वारा दबाव बनाकर बीजेपी में शामिल होने की बात लिखी गई है।
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