MP के सीहोर में मटका कुल्फी खाने से 40 बच्चों की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में मटका कुल्फी खाने से 40 बच्चों को उल्टियां और दस्त होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत अब खतरे से बाहर है। स्वास्थ्य विभाग ने कुल्फी के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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४० kids fell ill after having kulfi in MP
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नफीस खान @ सीहोर
MP News: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले  मटका कुल्फी खाने से 40 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। घटना भाऊ खेड़ी गांव में एक मुंडन कार्यक्रम के दौरान हुई। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने बताया कि बच्चों ने कुल्फी खाई और कुछ ही समय बाद उनके पेट में मरोड़, दस्त और उल्टियां शुरू हो गईं। यह घटना उस समय हुई जब मुंडन कार्यक्रम के लिए बाहर से आए कुल्फी विक्रेताओं से बच्चों ने मटका कुल्फी खरीदी थी। तबीयत बिगड़ने की वजह फूड पॉइजनिंग बतायी जा रही है।

अस्पतालों में भर्ती कराया गया

शुरुआत में बच्चों की तबीयत सामान्य थी, लेकिन बाद में बच्चों में उल्टियां और दस्त की समस्या बढ़ने लगी, जिससे करीब 40 बच्चे प्रभावित हो गए। इसके बाद परिजनों में घबराहट फैल गई और उन्होंने तुरंत बच्चों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया। जावर और आष्टा के सिविल अस्पताल में बच्चों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, अब बच्चों की हालत खतरे से बाहर है और उन्हें लगातार निगरानी में रखा गया है।
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कुल्फी के सैंपल की हो रही जांच

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर मटका कुल्फी के सैंपल लिए हैं, जो अब जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच के बाद ही यह साफ होगा कि कुल्फी में क्या गड़बड़ी थी, जो बच्चों की तबीयत खराब होने का कारण बनी। विभाग का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आएगी।
घटना के बाद पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मटका कुल्फी खाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी है, लेकिन पूरी जानकारी सैंपल रिपोर्ट आने के बाद ही प्राप्त होगी। फिलहाल, सीहोर में इस घटना से लोग चिंतित हैं, लेकिन बच्चों की तबीयत में सुधार देखा जा रहा है।

कड़ी कार्रवाई की मांग

गांव के लोग और परिजन इस घटना से चिंतित हैं और उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि ऐसे खाद्य विक्रेताओं पर निगरानी रखी जाए, जो बाहर से आकर खाद्य सामग्री बेचते हैं। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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