संजय शर्मा, BHOPAL.लोकसभा चुनाव में प्रदेश के हजारों बेरोजगार अब सरकार से जवाब मांग रहे हैं। शिक्षक चयन पर पात्रता परीक्षा में पास होने के बाद भी नौकरी न मिलने से निराश हजारों युवाओं ने प्रधानमंत्री ( PM ) को चिट्ठी लिखी है। चयनित शिक्षकों का सवाल है दो-दो परीक्षा पास करने के बाद भी सरकार अब तक नियुक्ति नहीं दे पाई है। ऐसे में पात्र युवाओं की उम्र नौकरी के लिए तय आयु सीमा से अधिक हो जाती है तो जिम्मेदार कौन होगा ? मांगों पर सरकार की अनसुनी और जनप्रतिनिधियों के रवैये से नाराज चयनित शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इन हजारों बेरोजगारों की नाराजगी का नुकसान चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
प्रदेश के युवाओं 51 हजार पदों पर नियुक्ति की मांग
अब आपको बताते हैं प्रदेश के हजारों युवाओ ने क्यों लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी और इसकी वजह क्या है। दरअसल बीते साल प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार ने पात्रता चयन परीक्षा का आयोजन किया था। दो चरणों में हुई परीक्षा के सर्टिफिकेट के आधार पर ही प्रदेश में खाली पड़े शिक्षकों के पद भरे जाने थे। प्रदेश के बेरोजगार युवा खाली पड़े 51 हजार पदों पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, जबकि नियुक्ति 8720 पदों पर निकाली गई। यही नहीं पिछले दिनों सरकार ने इसमें भी बदलाव कर दिया और अब इन पदों में बैकलॉग सहित केवल 5052 पद ही भरे जाने हैं। नियुक्ति की संख्या घटाए जाने से युवा बेरोजगार रह जाने से आशंकित हैं। क्योंकि नियुक्ति के लिए सालों के इंतजार की वजह से अधिकांश ओवर ऐज होने की कगार तक पहुंच चुके हैं।
सीएम मिल नहीं रहे, मंत्री का जवाब भी बढ़ा रहा असंतोष
अब जानिए पीएम को लिखी इस चिट्ठी का मजमून क्या है। आखिर बेरोजगारी का दाग झेल रहे चयनित शिक्षकों ने पीएम से क्या कहा है। चिट्ठी के अनुसार प्रदेश सरकार से खफा बेरोजगार युवाओं ने प्रधानमंत्री को नरेंद्र मोदी को अपना दर्द पीएम को सुनाया है। इसमें लिखा है प्रदेश में शिक्षकों की कमी से स्कूली शिक्षा का स्तर गिर चुका है। अकेले वर्ग-1 में ही 34 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। सरकार के अधिकांश मंत्री और विधायक उनकी मांग का समर्थन कर रहे हैं। इसके लिए समर्थन पत्र भी लिखकर दिया गया है। लेकिन प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव उनसे नहीं मिल रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। इससे स्वयं को पात्र साबित कर चुके हजारों युवा परेशान और अवसादग्रस्त हैं।
पीएम की गारंटी पर भी हमारे भविष्य से खिलवाड़ क्यों
चयनित बेरोजगार शिक्षकों ने बेरोजगार शिक्षक संघ के माध्यम से पीएम से उनकी गारंटी पर जवाब मांगा है। युवाओं का सवाल है आपने प्रदेश के युवाओं को गारंटी दी है, प्रदेश की सरकार को आप ही निर्देशित करें जिससे पद वृद्धि कर नियुक्तियां की जाएं। जिस देश में युवा-शिक्षक सड़कों पर हों वह देश कैसे विश्व गुरु बन पाएगा? युवा शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की जगह अपने हक के लिए लड़ने में लगे रहेंगे तो शिक्षा का स्तर क्या होगा। 2023 का चुनाव जीतने के बाद प्रदेश सरकार अब वादों को पूरा नहीं कर रही है।
हर बार राजनीतिक दलों के वादों में फंस जाते हैं युवा
हर बार सरकारें चुनाव लड़ते समय युवाओं को साधती हैं। उनसे नौकरी-रोजगार देने के लुभावने वादे करती हैं और युवा भी उनमें फस जाते हैं। चुनाव निकलते ही उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है और वे फिर ठगे रह जाते हैं। दशकों से राजनीतिक दल यही करते आ रहे हैं और युवा हर बार मछली की तरह फसता है। यही हाल इन बेरोजगार शिक्षकों का है। ये अपनी मेहनत से दो-दो बार पात्रता परीक्षा पास कर शिक्षक का पद हासिल करने की योग्यता साबित कर चुके हैं। इस ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे, इनकी मांग केवल इतनी है कि सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा करे। जितने पद खाली हैं उन पर नियुक्ति हो जिससे वे खुद पर लगे बेरोजगारी का दाग मिटा सकें।