BHOPAL. मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस का एक्शन जारी है। लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई बाद भी अधिकारी-कर्मचारियों रिश्तखोर बने हुए हैं। कानून को ढेंगा दिखाते हुए भ्रष्ट अफसर ऑफिस में किसी भी काम के लिए लोगों से घूस मांग रहे हैं। इन्हें कोई डर नहीं रह गया है। ताजा मामला सिवनी जिले से सामने आया है। जहां जबलपुर लोकायुक्त (Jabalpur Lokayukta) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सहायक मत्स्य अधिकारी (Assistant Fisheries Officer) को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
जानें क्यों मांगी थी रिश्वत
लोकायुक्त निरीक्षक कमल सिंह उइके ने बताया कि आवेदक देवीप्रसाद पिता जगन्नाथ राहंगडाले (पांडीवाड़ा थाना ऊगली तहसील केवलारी निवासी ने जबलपुर लोकायुक्त में रिश्ववत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत अपने खेत में मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण कराया है। मछली बीज और चारा खरीदने की सब्सिडी राशि रिलीज करने के लिए मत्स्य विभाग के सहायक मत्स्य अधिकारी मुकुंद राव बंसोड़कर से मिला था। इस दौरान अधिकारी ने सब्सिडी राशि रिलीज करने के एवज में 20 हजार रुपए रिश्वत (Bribe) की मांग की थी।
चाय की दुकान में रिश्वत लेते पकड़ा
फरियादी देवीप्रसाद की शिकायत के सत्यापन के बाद जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने रिश्वतखोर अधिकारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। इसके बाद फरियादी ने बाहुबली चौक के पंजाब नेशनल बैंक के पास चाय की दुकान में सहायक मत्स्य अधिकारी मुकुंद राव बंसोड़कर को रिश्वत दी। इस दौरान लोकायुक्त की टीम ने अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त की गिरफ्त में आए आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई गई है।
इस कार्रवाई में उपपुलिस अधीक्षक नीतू त्रिपाठी, निरीक्षक नरेश बेहरा, कमल सिंह उइके व पांच अन्य सदस्य शामिल रहे। फिलहाल मामले में लोकायुक्त पुलिस आरोपी अधिकारी के खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक