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सीएम के निर्देश के बाद एसडीओपी पूजा पांडे सहित पांच पुलिसवाले हिरासत में
सिवनी के हवाला मनी लूट मामले में आज, 14 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई हुई है। 5 दिन बाद, आखिरकार SDOP पूजा पांडे और टीआई अर्पित भैरम समेत 11 पुलिसवालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एसडीओपी पूजा पांडे हिरासत में ले ली गई हैं। इसके अलावा 4 अन्य पुलिसकर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है। शेष छह पुलिसवाले फरार हैं।
इससे पहले पुलिस ने हवाला के पैसे लेकर जा रहे आरोपियों पर ही केस दर्ज किया था। इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि जब लूट का आरोप खुद पुलिसकर्मियों पर है, तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
इन सवालों और बढ़ते दबाव के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद हरकत में आए। उन्होंने SDOP पूजा पांडे और 11 पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
सीएम ने कहा कि जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसे किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा। प्रदेश में सुशासन और कानून व्यवस्था सर्वोपरि है।
मध्यप्रदेश में कानून सबके लिए समान है।
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 14, 2025
सिवनी हवाला मनी लूट प्रकरण में एसडीओपी समेत 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। 5 को हिरासत में लिया गया है।
कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
प्रदेश में सुशासन और कानून व्यवस्था सर्वोपरि है : CM… https://t.co/uensMV9beu
क्या है सिवनी हवाला कांड
यह मामला 8 और 9 अक्टूबर की रात का है। सिवनी की एसडीओपी पूजा पांडे को उनके एक मुखबिर से पक्की सूचना मिली थी।
सूचना ये थी कि एक क्रेटा कार (नंबर एमएच-13 ईके-3430) में हवाला के 3 करोड़ रुपए कटनी से महाराष्ट्र के जालना ले जाए जा रहे हैं। इसके बाद एसडीओपी पूजा पांडे ने अपने गनमैन और कुछ भरोसेमंद स्टाफ के साथ टीम बनाई और निकल पड़ीं।
उधर, पास के बंडोल थाने के टीआई अर्पित भैरम भी अपनी सरकारी गाड़ी से इस ऑपरेशन में शामिल होने के लिए रवाना हो गए। रात करीब 1:30 बजे सिवनी के पास सीलादेही इलाके में पुलिस की दोनों टीमों ने मिलकर उस क्रेटा कार को घेरकर रोक लिया।
आरोप है कि अफसरों ने शख्स से करीब 3 करोड़ रुपए जब्त किए थे। वहीं, रिपोर्ट में जब्ती केवल एक करोड़ 45 लाख रुपए दिखाए। यही नहीं आरोपी को भी बिना कार्रवाई किए छोड़ दिया। इसकी जानकारी वरिष्ठ अफसरों को भी नहीं दी।
अगले दिन व्यापारी पैसे की जानकारी लेने थाना पहुंचा। उसके साथ पूरे दिन टालमटोल की गई। जब बात आला अधिकारियों तक पहुंची, तब 1.5 करोड़ रुपए वापिस कर दिए। मामले में DGP ने इन सबके पीछे जिम्मेदार अधिकारी पूजा पांडे (SDOP) को निलंबित कर दिया। साथ ही घटना में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की।
इनको किया गया था सस्पेंड
- पूजा पांडे, एसडीओपी, सिवनी
- अर्पित भैरम, उप निरीक्षक और थाना प्रभारी बंडोल, सिवनी
- चंद्रकिशोर सिरामे, लखनवाड़ा थाना प्रभारी
- माखन, प्रधान आरक्षक 203, एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- रविन्द्र उईके, प्रधान आरक्षक 447, रीडर-एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- जगदीश यादव, आरक्षक 803, एसडीओपी कार्यालय सिवनी
- योगेन्द्र चौरसिया, आरक्षक 306, एसडीओपी कार्यालय सिवनी
- रितेश, आरक्षक 582 ड्राइवर, एसडीओपी कार्यालय सिवनी
- नीरज राजपूत, आरक्षक 750 थाना बण्डोल, सिवनी
- केदार, आरक्षक 610 गनमैन-एसडीओपी सिवनी
- सदाफल, आरक्षक 85, गनमैन-एसडीओपी सिवनी
ऐसे चली पूरी जांच
विवाद बढ़ने के बाद मामले की जांच की जिम्मेदारी जबलपुर के ASP आयुष गुप्ता को सौंपी गई। 11 अक्टूबर को हवाला कारोबारियों सोहन परमार, इरफान पठान और शेख मुख्तार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
13 अक्टूबर को IG प्रमोद वर्मा खुद सिवनी पहुंचे और हवाला कारोबारियों के खिलाफ दर्ज मामलों में गड़बड़ियों का पता लगाया। उन्होंने जांच की जिम्मेदारी जबलपुर ASP क्राइम जितेंद्र सिंह को सौंप दी और पुलिस के सीनियर अफसरों को कारण बताओ नोटिस भेजे।
इसके बाद पुलिस महकमे में यह चर्चा तेज हो गई कि कुछ आरोपी पुलिसवालों को बचाया जा रहा है। आखिरकार मंगलवार को SDOP समेत 11 पुलिसवालों के खिलाफ डकैती-अपहरण की FIR दर्ज की गई।