शिवसेना (यूबीटी) ने बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर निशाना साधा है। पार्टी के मुखपत्र सामना में उन्हें भारतीय जनता पार्टी का हिंदुत्व ब्रांड एंबेसडर करार दिया गया है। शिवसेना सांसद और सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू ग्राम संबंधी विचारों को शर्मनाक बताया है।
‘हिंदू ग्राम’ की सोच को बताया शर्मनाक विचार
संपादकीय में लिखा गया है कि धीरेंद्र शास्त्री का यह विचार कि हिंदुओं के लिए अलग गांव बसाए जाने चाहिए, न केवल विभाजनकारी है बल्कि इससे देश में धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा मिलता है। संपादकीय के अनुसार यह विचार विश्व पटल पर हिंदू संस्कृति की छवि को ठेस पहुंचाने वाला है।
वक्फ विधेयक से धार्मिक ध्रुवीकरण बढ़ाने का आरोप
सामना में यह भी आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया वक्फ विधेयक धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रहा है। संपादकीय में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी अपने ‘हिंदुत्व एजेंडे’ को आगे बढ़ाने के लिए समाज को बांट रही है और यह देशहित के खिलाफ है।
रामनवमी पर निकली शोभायात्रा को बताया उकसाने वाला
6 अप्रैल को मुंबई में निकली रामनवमी की शोभायात्रा का जिक्र करते हुए सामना में कहा गया कि यह जुलूस धार्मिक कम, उग्र ज्यादा था। मुस्लिमों के खिलाफ नारेबाजी की गई और माहौल को जानबूझकर तनावपूर्ण बनाया गया। यह स्थिति भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताई गई।
मोदी से नजदीकी पर भी सवाल
सामना के संपादकीय में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धीरेंद्र शास्त्री को छोटा भाई कहा है, जिससे यह प्रतीत होता है कि उनकी बातों को प्रधानमंत्री का समर्थन प्राप्त है। सामना ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ विधेयक और धर्म आधारित राजनीति के जरिए बीजेपी देश में दंगों की स्थिति पैदा करना चाहती है, जिससे मणिपुर जैसे मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके।
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