मध्य प्रदेश के शिवपुरी कलेक्ट्रेट में हुई अग्निकांड मामले ( fire case ) में एक और खुलासा हुआ है। कलेक्टर की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी 5 करोड़ 10 लाख से अधिक के मुआवजा घोटाले की फाइल जलाना चाहते थे। इस मामले में कुछ दिन पहले ही तत्कालीन एसएलआर ( SLR ) राकेश रोड़ी, अग्निकांड के आरोपी ऑपरेटर रूपसिंह और भूअर्जन बाबू सियाराम समेत 7 लोगों पर एफआईआर (FIR) दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा 31 लोगों के खाते सीज किए गए हैं। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच ग्वालियर कमिश्नर ( Gwalior Commissioner ) की ओर से गठित टीम भी अलग से कर रही।
अबतक तीन आरोपी अरेस्ट
दरअसल, पिछले दिनों कलेक्ट्रेट के भूअर्जन शाखा और शिकायत शाखा में आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लोअर नदी परियोजना में मुआवजा घोटाले की फाइल जलाने की नीयत से आग लगाई गई थी। कर्मचारी ने अपने दो अन्य दोस्तों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। यह पूरा घोटाला 30 करोड़ से ऊपर का है। इस मामले में एसपी ने बताया था कि कलेक्ट्रेट से भू अर्जन शाखा में एक और एफआईआर हुई, जिसमें घोटाले की फाइल जली थी। इसमें फर्जी बिल लगाकर 20 लाख रुपए निकाले गए थे।
मामले में तत्परता से जांच जारी : कलेक्टर
कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। समिति द्वारा भुगतान की जांच की गई है, जिसमें 31 लोगों को 5 करोड़ 10 लाख 71 हजार 616 रुपए की राशि का भुगतान किया गया है, जिसमें 31 लोगों के बैंक खाता में जमा राशि 28 लाख 19 हजार 464 रुपए की राशि पर होल्ड लगाया गया है। इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही की गई है, जिसमें तत्कालीन भू अर्जन शाखा लिपिक सहायक ग्रेड 2 सियाराम भगत, सहायक ग्रेड 3 दीपक खटीक और रात्रि के समय ड्यूटी से अनुपस्थित होमगार्ड सैनिक राजेश सिंह चौहान को निलंबित किया गया है।