शिवपुरी नगर पालिका में कसम संकट, नपाध्यक्ष को नहीं हटाया तो कोढ़ी हो जाएंगे पार्षद!

शिवपुरी नगर पालिका परिषद में 22 पार्षदों ने नपाध्यक्ष को हटाने की कसम खाई, अब अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई होगी। पूरे मामले पर क्षेत्र में खूब सियासत देखने को मिल रही है।

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Dablu Kumar
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Shivpuri Municipal Council
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शिवपुरी नगर पालिका परिषद अजीब राजनीतिक संकट का सामना कर रही है, इसे धर्म संकट भी कहा जा सकता है। दरअसल, नगर पालिका परिषद के तीन साल के कार्यकाल में कुल 39 में से 22 पार्षदों ने बगीचा सरकार में जाकर नगर पालिका अध्यक्ष (नपाध्यक्ष) गायत्री शर्मा को हटाने की कसम खाई थी। यह कसम प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में ली गई थी, जो करैरा कस्बे में स्थित है। इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां कसम खाता है, वह उसे पूरा करना ही होता है, नहीं तो उस व्यक्ति को कोढ़ (एक तरह का रोग) हो जाता है।

नपाध्यक्ष के खिलाफ पार्षद

भले ही भाजपा के नेता नपाध्यक्ष को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे थे, लेकिन 22 पार्षदों ने बगीचा सरकार में कसम खाई थी और अब वे अपने फैसले से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा पद पर बनी रहेंगी या फिर उन पार्षदों को अपनी कसम के अनुसार इस्तीफा देना पड़ेगा?

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कसम खाने के बाद क्या होगा?

22 पार्षदों का कहना है कि उन्होंने बगीचा सरकार पर कसम खाई थी कि यदि नपाध्यक्ष को नहीं हटाया गया तो वे इस्तीफा दे देंगे। इस कसम के बाद भाजपा के भीतर एक नया राजनीतिक संघर्ष छिड़ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव और प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न तोमर ने इन नाराज पार्षदों को मनाने के कई प्रयास किए, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई

कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी को अविश्वास का आवेदन दिया गया और इस पर सुनवाई के लिए 25 अगस्त की तारीख तय की गई है। कलेक्टर का नोटिस जारी होते ही भाजपा संगठन फिर से सक्रिय हो गया। भाजपा जिलाध्यक्ष जाटव ने नपाध्यक्ष के विरोध कर रहे पार्षदों से कहा कि अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लें, लेकिन पार्षद अब किसी भी स्थिति में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

शिवपुरी नगर पालिका का राजनीतिक समीकरण

शिवपुरी नगर पालिका (नपा) की 39 सीटें हैं, इसमें बीजेपी के 23 और कांग्रेस के 9 पार्षद है। वहीं, 7 निर्दलीय पार्षद है। इनमें निर्दलीय पहले ही बीजेपी को अपना समर्थन दे चुके हैं लेकिन इसमें से अधिकांश नपाध्यक्ष के खिलाफ हैं। नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा खेमे ने कहा है कि बहुमत हमारे साथ है, केवल राजनीति हो रही है। वहीं, विरोध कर रहे पार्षदों ने जवाब देते हुए कहा कि किसी को नपाध्यक्ष बनने का लालच नहीं है।

कसम से पलटने का मतलब नष्ट होना- बीजेपी पार्षद

बीजेपी के पार्षदों का कहना है कि बगीचा सरकार की कसम को तोड़ना उनके लिए बड़ी संकट की स्थिति बन सकती है। वार्ड क्रमांक 28 के पार्षद तारा राठौर ने कहा- शपथ से पलटने का तो सवाल ही नहीं है, अब हम जो भी निर्णय लेंगे, उसी पर अडिग रहेंगे। वार्ड क्रमांक 21 के भाजपा पार्षद रघुराज गुर्जर ने कहा कि हमने कसम खाई है, अगर हम पलटते हैं तो हमारी पीढ़ियां नष्ट हो जाएंगी।

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कसम और अविश्वास प्रस्ताव पर विवाद

भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने कसम को लेकर एक बयान दिया था कि कोई दिक्कत नहीं है। अंटी बांधकर खाई है। हालांकि यह बयान बाद में विवाद का कारण बना। पार्षदों का कहना था कि बगीचा सरकार की महिमा का अपमान नहीं किया जा सकता है। इसके बाद जिलाध्यक्ष को माफी मांगनी पड़ी।

क्या है बगीचा सरकार की मान्यता?

बगीचा सरकार पर कसम खाने की मान्यता गहरे सांस्कृतिक विश्वास पर आधारित है। यह मान्यता इस कस्बे के हनुमान मंदिर से जुड़ी हुई है, जहां लोग किसी भी कठिन निर्णय से पहले कसम खाकर अपना वचन पूरा करने का संकल्प लेते हैं। यदि कसम तोड़ी जाती है, तो ऐसा दावा है कि व्यक्ति को काफी खरतनाक दंड भगवान की ओर से मिलता है। पार्षदों का कहना है कि उन्होंने इस कसम को सच्चाई के साथ लिया है और वे इसे तोड़ने के बजाय इस्तीफा देने का रास्ता चुन सकते हैं।

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FAQ

शिवपुरी नगर पालिका में पार्षदों ने बगीचा सरकार में कसम क्यों खाई?
22 पार्षदों ने शिवपुरी नगर पालिका में नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को हटाने की कसम खाई, क्योंकि वे मानते हैं कि बगीचा सरकार की मान्यता के अनुसार कसम तोड़ी तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे कोढ़ हो जाना।
क्या बगीचा सरकार की कसम का तोड़ना संभव है?
बगीचा सरकार की कसम की मान्यता में कहा गया है कि यदि कसम तोड़ी जाती है तो इससे पीढ़ियां नष्ट हो सकती हैं। इसलिए पार्षद अपने फैसले से पीछे नहीं हट रहे हैं।
शिवपुरी नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव की सुनवाई कब होगी?
कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई की तारीख 25 अगस्त निर्धारित की है। इस दिन पार्षदों के खिलाफ उठाए गए कदमों पर विचार किया जाएगा।

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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी बीजेपी पार्षद गायत्री शर्मा शिवपुरी नगर पालिका परिषद