मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने आगामी सिंहस्थ-2028 को लेकर इंदौर-उज्जैन क्षेत्र में 2312 करोड़ रुपए से अधिक के सड़क निर्माण कार्यों को मंजूरी दी है। इनमें प्रमुख रूप से उज्जैन सिंहस्थ बायपास को 2 लेन से 4 लेन में बदलना शामिल है, जिसका बजट 701 करोड़ रुपए है। इसके अलावा, उज्जैन-इंदौर के बीच 48 किमी लंबी चार लेन सड़क बनाने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है, जिसकी लागत 1370 करोड़ रुपए है। यह सड़क पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को भी जोड़ेगी। इसके साथ ही हिंगोरिया-देपालपुर के बीच 32 किमी दो लेन सड़क भी बनेगी, जिस पर खर्च होने वाली राशि 239.38 करोड़ रुपए है।
सिंहस्थ के लिए सड़क निर्माण कार्यों को मंजूरी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ-2028 को लेकर इंदौर-उज्जैन क्षेत्र में महत्वपूर्ण सड़क निर्माण कार्यों को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 2312 करोड़ रुपए से अधिक है, जो इन क्षेत्रों में यात्रा और यातायात को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।
महत्वपूर्ण निर्णय
सिंहस्थ-2028 के लिए सड़क निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी देने से सिंहस्थ मेला और आसपास के क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी। जर्मनी और लंदन से मिले प्रस्तावों से निवेश और औद्योगिक विकास में भी वृद्धि हो सकती है। यह बैठक राज्य के आर्थिक विकास और सड़क बुनियादी ढांचे के लिए एक अहम मील का पत्थर साबित हो सकती है, जो आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी।
उज्जैन सिंहस्थ बायपास का विस्तार
उज्जैन सिंहस्थ बायपास को 2 लेन से 4 लेन में परिवर्तित किया जाएगा, जिसका कार्यक्षेत्र 20 किमी का होगा। इस सड़क के निर्माण की लागत 701 करोड़ रुपए के आसपास हो सकती है।
उज्जैन-इंदौर के बीच चार लेन सड़क
उज्जैन-इंदौर के बीच 48 किमी लंबी चार लेन ग्रीन फील्ड रोड का निर्माण किया जाएगा।
इसकी अनुमानित लागत 1370 करोड़ रुपए होगी, और यह सड़क पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को भी जोड़ने का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा और निवेश प्रस्ताव
सीएम डॉ. मोहन यादव ने जर्मनी और लंदन की यात्रा के बाद कैबिनेट बैठक में 78,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर चर्चा की। इन प्रस्तावों से राज्य के औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले विधेयकों पर भी मंत्रियों से विचार-विमर्श किया गया।
उद्योग क्षेत्र में नई योजनाएं
डॉ. मोहन यादव ने इस बैठक में उद्योग विभाग से संबंधित रियायतों और नवीन उद्योग नीति पर भी चर्चा की। यह चर्चा मध्य प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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