जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल प्रशासन ( Subhash Chandra Bose Central Jail Administration ) के द्वारा निलंबन तक की कार्रवाई के बाद भी ऐसा लग रहा है कि जबलपुर जेल में कैदियों तक नशे का सामान पहुंचाने के एवज में इतनी मोटी रकम मिलती है कि जेल प्रहरी अपनी नौकरी तक को दांव पर लगा देते हैं। पिछले एक माह में ही यह तीसरा ऐसा मामला सामने आया है।
जिसमें की सुरक्षा के जिम्मेदार प्रहरी ही गांजे की तस्करी में पकड़े गए हैं। जिसके बाद बंदियों को प्रतिबंधित सामग्री पहुंचाने के आरोप में जेल प्रशासन ने एक प्रहरी को सस्पेंड कर दिया है जबकि दूसरे प्रहरी के खिलाफ शोकाज नोटिस जारी किया गया है।
मोजे और जूते में छुपाते थे गांजा, तंबाकू और सिगरेट
दरअसल जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर को सूचना मिली थी कि जेल के प्रहरी राजेश गुर्जर और राजेंद्र राठौर बंदियों को जेल के भीतर गांजा और तंबाकू की सप्लाई करते हैं। नाइट ड्यूटी के दौरान वह समान जेल के बैरेक में पहुंचाने का काम करते हैं। इस सूचना पर जेल के मुख्य प्रवेश द्वार पर अतिरिक्त सुरक्षा और जांच बढ़ाई गई और जैसे ही जेल प्रहरी राजेश गुर्जर और राजेंद्र राठौर नाइट ड्यूटी के लिए पहुंचे तो सुरक्षा प्रहरियों ने दोनों प्रहरियों की ज्यादा कड़ाई से जांच शुरू कर दी।
इस दौरान राजेंद्र राठौर के जूते के सोल में मादक पदार्थ गांजा छिपा हुआ मिला, जबकि राजेश गुर्जर ने अपने मौजे में तंबाकू और सिगरेट के पैकेट छुपा रखे थे। जेल प्रहरियों ने दोनो से गांजा,सिगरेट और तंबाकू जप्त कर जेल अधीक्षक को सूचना दी। जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने राजेश गुर्जर के पास से तंबाकू और सिगरेट मिलने पर उसे शोकाज नोटिस जारी किया है, जबकि राजेंद्र राठौर से गांजा जब्त होने पर सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराते हुए उसे सस्पेंड कर दिया है। दोनों प्रहरियों के खिलाफ जेल मैनुअल के हिसाब से विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
जबलपुर सेंट्रल जेल में 1 माह में तीसरी घटना
बंदियों को मादक पदार्थ पहुंचाने की यह तीसरी घटना है। जेल प्रशासन के द्वारा जांच में दोषी पाए जाने पर जबलपुर के पांच तो कटनी के एक जेल प्रहरी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बात गत 14 जून को रात 10:00 बजे नाइट ड्यूटी पर प्रहरी मुकेश फंडे और सुशील खेमरिया को सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ा था।
मुकेश के पास से गांजा की पुड़िया समेत तंबाकू की 7 पुड़िया 2 पैकेट सिगरेट और गुटका बरामद हुआ था, वहीं सुशील के पास से 2 पैकेट तंबाकू बरामद की गई थी, जिन्हें सस्पेंड किया गया और विभागीय कार्रवाई जारी है। जेल में हुई गैंगवार के बाद से सतर्क हुए प्रशासन को जेल के अंदर तस्करी करने वाले प्रहरियों को पकड़ने में सफलता तो मिल रही है पर यह इस बात को भी उजागर कर रहा है कि जेल के अंदर मादक पदार्थों का व्यापार कितने बड़े पैमाने में और कितने लंबे समय से लगातार चल रहा था।
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