गुना एसपी अंकित सोनी के खिलाफ बीजेपी विधायक ने खोला मोर्चा, मानसिक प्रताड़ना के लगाए आरोप
भाजपा विधायक प्रियंका पेंची ने गुना एसपी पर मानसिक प्रताड़ना और बिना सलाह तबादलों का आरोप लगाया है। विधायक का कहना है कि उन्हें महिला होने के कारण मानसिक रूप प्रताड़ित किया जा रहा है।
भाजपा की चाचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची मीणा ने गुना पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। विधायक ने यह आरोप सीएम मोहन यादव को लिखे पत्र में लगाए। पत्र में उन्होंने कहा है कि पुलिस विभाग में तबादले बिना किसी राजनीतिक सलाह के किए जा रहे हैं और उन्हें सिर्फ महिला विधायक होने के चलते परेशान किया जा रहा है।
एसपी पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए
विधायक प्रियंका पेंची ने पत्र में कहा कि चाचौड़ा क्षेत्र के थानों में प्रभारी मंत्री या जनप्रतिनिधियों की सहमति के बिना पुलिस अधिकारियों के तबादले हो रहे हैं। रोज नई कहानियां बनाकर सिर्फ इस कारण से टारगेट किया जा रहा है कि मैं एक महिला विधायक हूं। मैंने यह बात ग्वालियर आईजी और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी बताई है।
दरअसल SP अंकित सोनी ने 24 मई को एक तबादला सूची जारी की थी। सूची में जिले के TI, SI, ASI, प्रधान आरक्षक और आरक्षकों के नाम थे। इसमें चाचौड़ा थाना प्रभारी TI मछलू सिंह मंडेलिया को पुलिस लाइन, कुंभराज TI नीरज राणा को बमोरी और मृगवास SI पंकज सिंह कुशवाह को जमने थाने में पोस्ट किया। ये सभी थाने चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में ही आते हैं। बताया जा रहा है इन्हीं तबादलों में विधायक से सहमति नहीं ली गई। इसके बाद उन्होंने 29 मई को सीएम को पत्र लिखा।
सीएम और संगठन तक बात पहुंचाना जरूरी
सीएम को लिखा हुआ पत्र सार्वजनिक होने के बाद विधायक प्रियंका पेंची ने बयान दिया कि जनप्रतिनिधि होने के नाते अपनी बात रखना मेरा अधिकार है। जो भी मामला था, उसे भाजपा संगठन और मुख्यमंत्री के समक्ष रख दिया है।
एसपी अंकित सोनी ने क्या कहा?
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए गुना एसपी अंकित सोनी ने कहा कि चाचौड़ा उपखंड में कुल 5 थाने हैं। इनमें से मकसूदनगढ़ और जामनेर में कोई तबादला नहीं किया गया है। चाचौड़ा थाने के सब इंस्पेक्टर को विधायक की मांग पर ही हटाया गया था। मृगवास में टीआई की नियुक्ति नहीं है, जबकि कुंभराज टीआई का तबादला रद्द कर दिया गया है।
एसडीओपी की सफाई
एसडीओपी महेंद्र गौतम ने बताया कि मूल एसडीओपी मैटरनिटी लीव पर हैं, इस कारण मुझे यह अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार मेरे पास नहीं है।
राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज
इस प्रकरण के बाद जिले की राजनीति में हलचल है। भाजपा के अंदरखाने में इस मुद्दे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। महिला विधायक के आरोपों के कारण पुलिस और प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि संगठन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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