पेट में भरे थे पत्थर, ऑपरेशन से जो निकला उसे देखकर दंग रह गए डॉक्टर

रीवा जिले के अमरपाटन कस्बे की रहने वाली प्रतिमा गौतम को लंबे समय से पेट दर्द की शिकायत थी। उनकी स्थिति बिगड़ने पर परिवार के लोगों ने रीवा के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया,

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Sandeep Kumar
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Stomach full stones
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BHOPAL. रीवा में हाल ही में ऐसा मामला सामने आया है, जिसने डॉक्टरों के भी होश उड़ा दिए। महिला के पेट में इतने पत्थर भरे थे कि हर कोई चकित रह गया। दरअसल, रीवा जिले के अमरपाटन कस्बे की रहने वाली प्रतिमा गौतम को लंबे समय से पेट दर्द की शिकायत थी। उनकी स्थिति बिगड़ने पर परिवार के लोगों ने रीवा के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों को पता चला कि उनके गॉल ब्लैडर में बड़ी संख्या में पत्थर (स्टोन) भरे हैं। डॉक्टरों की टीम ने जब प्रतिमा का ऑपरेशन शुरू किया तो वे हैरान रह गए। गॉल ब्लैडर से पत्थरों को निकालने का सिलसिला जब शुरू हुआ तो यह संख्या बढ़ती ही गई। डॉक्टरों ने बताया कि हमने ऑपरेशन के दौरान एक-एक कर पत्थरों को निकाला। कुल 1235 स्टोन निकाले गए, जो आकार में दाल के दाने के बराबर थे। यह अपने आप में दुर्लभ मामला है। 

गॉलब्लैडर भी निकालना पड़ा

इतनी बड़ी संख्या में पत्थर मिलने के बाद डॉक्टरों ने भविष्य में ऐसी समस्या दोबारा न हो, इसके लिए प्रतिमा के गॉल ब्लैडर को भी निकालने का फैसला लिया। ऑपरेशन के बाद प्रतिमा पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें पेट दर्द से राहत मिल गई है। डॉक्टरों ने कहा कि रीवा क्षेत्र में ऐसा मामला पहली बार सामने आया है, इतनी बड़ी संख्या में पत्थर मिलना दुर्लभ है।  

आयुष्मान योजना बनी वरदान

इस जटिल ऑपरेशन का पूरा खर्च आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया गया। इस योजना के तहत मुफ्त इलाज ने परिवार को आर्थिक चिंता से मुक्त कर दिया। प्रतिमा के पति ने सरकार और डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए कहा, अगर आयुष्मान कार्ड नहीं होता तो इतने बड़े खर्च को उठाना हमारे लिए संभव नहीं था। डॉक्टरों ने हमारी उम्मीद से ज्यादा अच्छा इलाज किया। 

क्या है गॉल ब्लैडर में स्टोन बनने का कारण?

डॉक्टरों के मुताबिक, गॉल ब्लैडर (पित्ताशय की थैली) में स्टोन बनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, इनमें प्रमुख रूप से पाचन तंत्र की गड़बड़ी, पित्त में असंतुलन, अनियमित खानपान और मोटापा, पारिवारिक इतिहास या जेनेटिक कारण आदि शामिल हैं। हालांकि अब ऑपरेशन के बाद प्रतिमा अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रही हैं। उनका कहना है कि इतने लंबे समय तक दर्द सहने के बाद अब ऐसा लग रहा है, जैसे मैंने नई जिंदगी पाई हो।

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