ओलंपिक में 100 ग्राम अधिक वजन होने से भारत की पहलवान विनेश फोगाट अयोग्य घोषित हो गई । विनेश के दर्द से तो हम सब वाकिफ हैं, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि विनेश फोगाट का असली मुकाबला मध्य प्रदेश की महिला पहलवान शिवानी पंवार से था। जिस 50 किग्रा वजन वर्ग में विनेश ओलंपिक पहुंची, उसी वर्ग में शिवानी पंवार जा सकती थी। फिर शिवानी के साथ ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से वो पेरिस ओलंपिक का हिस्सा नहीं बन सकी। आइए जानते हैं अन्याय की यह कहानी...।
शिवानी की कहानी
यह कहानी मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र छिंदवाड़ा के गांव उमरेठ की बेटी शिवानी पंवार की है। शिवानी के बारे में ये तो कम लोग ही जानते होंगे कि यह लड़की राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन है।
इस महिला पहलवान का प्रदर्शन ऐसा है कि बीते तीन साल से देश की कोई महिला पहलवान शिवानी से खिताब छीन तक न सकी है। एशियन चैंपियनशिप में शिवानी ने तीन बार की विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता पहलवान को पटखनी दी थी। इसी के साथ वो भारत के लिए पदक जीत लाई थी। शिवानी की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया । ऐसे धमाकेदार प्रदर्शन के बावजूद भी यह लड़की ओलंपिक न जा सकी।
क्या है वजह
दरअसल 50 किग्रा वर्ग में शिवानी ने यह कमाल दिखाया था। इसी वजन वर्ग में ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका इनके बजाय विनेश फोगाट को दिया गया।
जानकारी के मुताबिक शिवानी पंवार तीन साल से ओलंपिक की तैयारी में जुटी हुई थीं। लेकिन तमाम रुकावटों ने मौका मिलने न दिया। अन्याय के खिलाफ भारतीय कुश्ती संघ और ओलंपिक संघ से लेकर अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ तक संघर्ष किया। किंतु विपक्षी पहलवानों को पटखनी देने वाली बेटी आखिरकार व्यवस्था से मात खा गई। शिवानी इसके बाद किर्गिस्तान के बिश्चेक में हुई एशियाई महिला कुश्ती चैंपियनशिप में भी 50 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया और कई दिग्गज पहलवानों को हराकर कांस्य पदक जीता।
शिवानी ने क्या बताया
शिवानी ने कहा कि किसी पहलवान के खिलाफ नहीं लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ का नियम है कि पहलवान किसी एक वजन वर्ग में खेल सकता है। वहां विनेश के पक्ष में नियमों को दरकिनार कर दिया गया। विनेश को दो वजन वर्गों (50-53) में खिलाया गया।
उनके लिए 50 किग्रा वर्ग के मुकाबले करीब चार घंटे रोक दिए गए। जब मैंने इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसे ही चला तो मैं कुश्ती नहीं लड़ेंगी, तब जाकर मुकाबले कराए गए। मैं मुकाबले में करीब पांच अंक के अंतर से आगे थी, लेकिन अचानक से मेरे खिलाफ अंक दिए गए और अंत में विनेश को विजेता घोषित कर दिया गया।
भारतीय कुश्ती संघ शिकायत
शिवानी ने बताया कि मैंने इसके खिलाफ भारतीय कुश्ती संघ और भारतीय ओलंपिक संघ को भी शिकायत दर्ज कराई थी। आइओए ने स्वीकारा कि दो वर्गों में लड़ने का नियम नहीं है। लेकिन अब हमने यह मामला कुश्ती संघ को सौंप दिया है। इसके बाद मैंने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ में भी शिकायत की थी। उनका कहना था कि यह आपका आंतरिक मामला है और राष्ट्रीय कुश्ती संघ से चर्चा करें। मगर वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। शिवानी ने कहा कि मेरे साथ न्याय नहीं हुआ।
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