राजधानी भोपाल में पेड़ों की कटाई के विरोध में सड़क पर उतरे वृक्षमित्र, मानव श्रृंखला बनाई

रविवार को माता मंदिर क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने हरियाली को उजाड़ने के विरोध में पर्यावरण जागरुकता रैली निकालकर मानव श्रृंखला बनाई। लोगों के साथ बच्चे और महिलाएं भी रैली और मानव श्रृंखला में शामिल हुईं।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी द्वारा पेड़ काटने पर जनता का विरोध लगातार जारी है। हाउसिंग बोर्ड द्वारा पेड़ काटकर विधायकों और अफसरों के लिए बंगले बनाने के प्रोजेक्ट को सरकार ने पिछले महीने ही जन आंदोलन के चलते वापस लिया है। लेकिन स्मार्ट सिटी द्वारा अब भी पुराने आवासों को तोड़ने के नाम पर माता मंदिर क्षेत्र में पेड़ काटे जा रहे हैं।

लोगों के विरोध के बाद भी पेड़ काटने का काम रोका नहीं जा रहा है। इससे लोगों में नाराजगी बनी हुई है। रविवार को माता मंदिर क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने हरियाली को उजाड़ने के विरोध में पर्यावरण जागरुकता रैली निकालकर मानव श्रृंखला बनाई। लोगों के साथ बच्चे और महिलाएं भी रैली और मानव श्रृंखला में शामिल हुईं। रैली के बाद स्थानीय लोगों ने पौधरोपण कर वृक्षों को बचाने का संकल्प भी लिया। 

विकास का विरोध नहीं पर पर्यावरण की चिंता 

आजाद दुर्गा सोशल वेलफेयर सोसायटी के लोग रविवार को पर्यावरण जन चेतना यात्रा और मानव श्रृंखला में शामिल हुए। स्थानीय लोगों का कहना था भोपाल की हरियाली लगातार कम हो रही है। विकास योजनाओं के नाम पर स्मार्ट सिटी पेड़ों को काट रही है। दूसरी ओर सरकार अभियान चलाकर करोड़ों पौधे लगाने का काम कर  रही है, जबकि सरकार भी मानती है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पेड़ जरूरी हैं तो फिर पेड़ों पर कुल्हाड़ी क्यों चलाई जा रही है।

किसके इशारे पर हर साल हजारों पेड़ उजाड़े जा रहे हैं। माता मंदिर क्षेत्र में स्मार्ट सिटी के आदेश पर ठेकेदार पुराने आवास तोड़ने के नाम पर सैंकड़ों साल पुराने वृक्षों की जड़ें खोद रहे हैं।  दो दिन पहले ही हरा भरा विशाल पेड़ उखाड़ दिया गया। इसका जिम्मेदार कौन है। मैदान में पेड़ों के आसपास की गई खुदाई के क्या मायने हैं।

पेड़ काटने के कारण गर्मी से झुलस रहा भोपाल 

भाषा विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम कर चुके 92 साल के एएन गुप्ता भी अपना विरोध दर्ज कराने पहुंचे। उन्होंने बताया वे जब भोपाल आए थे तब यहीं परिवार के साथ पहला ठिकाना बनाया था। कई वर्षों तक यहां रहे, तब यहां इतनी हरियाली थी कि गर्मी में भी राहत मिलती थी। हर घर-आंगन पेड़ों से ढंका होता था। पिछले कुछ सालों में विकास योजनाओं के नाम पर बेहिसाब पेड़ काटे जा रहे हैं।

कभी अफसरों के बंगले बनाने तो कभी बहुमंजिला इमारत और कमर्शियल कॉम्पलेक्स के लिए हरियाली उजाड़ी जा रही है। आजाद दुर्गा सोशल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष दयाल दानवानी का कहना है कि पेड़ों को काटने का ही नतीजा है हर साल भोपाल का तापमान बढ़ रहा है। अब तो यहां तापमान 48 डिग्री तक पहुंच जाता है। इसके जिम्मेदार हम लोग ही हैं, अब समय आ गया है कि सब मिलकर पुराने पेड़ बचाएं और नए पौधे लगाएं। केवल सरकार बड़े अभियान चलाकर पौधरोपण करे और पुराने पेड़ों को बेरहमी से काटा जाए तो इसका क्या फायदा होगा। 

लोगों की यादों में बसे पेड़ उजाड़ रही स्मार्टसिटी 

पुराना माता मंदिर क्षेत्र में रविवार दोपहर लोग एक-एक कर जमा हो रहे थे। कुछ ही देर में इस भीड़ ने रैली का रूप ले लिया। यह रैली पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करने का संदेश देते हुए  रवाना हुई। माता मंदिर क्षेत्र में पेड़ बचाने का आव्हान कर रहे पर्यावरणप्रेमियों में जहां 92 साल के एएन गुप्ता और 75 साल की उम्र पूरी कर चुकी ज्ञान श्रीवास्तव थीं तो वहीं आहाना सितोले जैसे बच्चे भी बड़ी संख्या में वृक्ष मित्र के रूप में तख्तियां हाथ में लेकर मानव श्रृंखला में जुड़े।

सबका एक ही कहना था कि वे विकास योजनाओं के विरोध में नहीं हैं, लेकिन पर्यावरण को उजाड़कर होने वाला विकास उन्हें नहीं चाहिए। ऐसे विकास से समाज का कोई भला नहीं होगा। चिपको आंदोलन के बाद सरकार ने पेड़ नहीं काटने की  घोषणा तो कर दी  थी लेकिन अब भी पुराने आवास तोड़ने के नाम पर धीरे-धीरे पेड़ गिराए जा रहे हैं। इस पर अब भी रोक नहीं लगाई गई है। लोगों को खबर न लगे इसलिए अब स्मार्ट सिटी के ठेकेदार रात में तोड़फोड़ के साथ पेड़ों को खोद रहे हैं। इस पर रोक कौन लगाएगा।

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