13 दिन में ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा, SC ने पलटा फैसला

ग्वालियर के चर्चित दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के फांसी के फैसले को पलटते हुए दोषी को 20 साल की सजा सुनाई। यह मामला मध्य प्रदेश में दुष्कर्म पर बने कानून और न्याय प्रक्रिया की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा करता है

Advertisment
author-image
Siddhi Tamrakar
एडिट
New Update
GWALIOR 6 YEAR OLD GIRL RAPE CASE
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान है, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सका। हाल ही में ग्वालियर (Gwalior) के एक चर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट (High Court) के फैसलों को पलटते हुए दुष्कर्म और हत्या के दोषी को फांसी की सजा को 20 साल की कैद में बदल दिया। यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। अब मध्य प्रदेश के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

ग्वालियर में 6 साल की बच्ची से हुआ था दुष्कर्म और हत्या

यह मामला 14 जुलाई 2018 का है, जब ग्वालियर में एक शादी समारोह के दौरान 6 साल की मासूम को जितेंद्र कुशवाह (Jitendra Kushwaha) बहला-फुसलाकर कैसर पहाड़ी के जंगल में ले गया। वहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। ग्वालियर पुलिस ने तेजी से जांच करते हुए मात्र 13 दिन में मामले का चालान कोर्ट में पेश किया। इस दौरान 33 लोगों की गवाही हुई। 27 जुलाई 2018 को ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया फैसला

आरोपी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपी की फांसी की सजा को पलट दिया और 20 साल की कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोषी के किसी भी प्रकार की छूट की याचिका का अधिकार समाप्त कर दिया। 

मध्य प्रदेश में है फांसी का प्रावधान

मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने नाबालिगों से दुष्कर्म पर फांसी की सजा का कानून बनाया। इसके साथ ही महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म के मामलों पर भी फांसी का प्रावधान है। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि दुष्कर्म के मामलों में सजा की दर अभी भी बेहद कम है।

मध्य प्रदेश में चिंताजनक स्थिति

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, भारत में हर 15 मिनट में एक दुष्कर्म का मामला दर्ज होता है। वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश में 31,000 से अधिक दुष्कर्म के मामले सामने आए। प्रदेश महिला अपराधों के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है।

FAQ

ग्वालियर मामले में क्या हुआ था?
ग्वालियर में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में क्या फैसला सुनाया?
सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को पलटते हुए दोषी को 20 साल की कैद की सजा दी है।
मध्य प्रदेश में फांसी का प्रावधान कब से लागू है?
मध्य प्रदेश ने 2018 में नाबालिगों से दुष्कर्म के मामलों में फांसी का प्रावधान किया था।
दुष्कर्म के मामले में सजा की दर क्या है?
NCRB के अनुसार, भारत में दुष्कर्म के मामलों में सजा की दर अभी भी बहुत कम है।
क्या मध्य प्रदेश में अब तक किसी आरोपी को फांसी दी गई है?
अब तक मध्य प्रदेश में किसी भी आरोपी को फांसी नहीं दी गई है।

Thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

MP News मध्य प्रदेश six year old child rape ncrb report on madhya pradesh फांसी की सजा ग्वालियर न्यूज हिंदी