इंदौर में कब्जा हटाने गई जिला प्रशासन की टीम पर फायरिंग कराने वाले सुरेश पटेल कौन हैं? क्या है इनका काम? द सूत्र ने इसकी पड़ताल की और जहां फायरिंग हुई, वहां पहुंचा। लोगों से बात की और फिर नजर आई सुरेश पटेल की अवैध महलनुमा कोठी, जो भिंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह की कोठी को टक्कर दे रही है।
बरदरी और भौरांसला गांव में सुरेश पटेल को नेताजी के नाम से जाना जाता है और उनके भवन पर भी नेताजी लिखा हुआ है। इन पर कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री का वरदहस्त है।
ऐसी है अवैध महलनुमा कोठी
बरदरी और भौरांसला के बीच कांकड की भौरांसला सर्वे नंबर 84/1 की जमीन सरकारी है। यहां पांच हेक्टेयर जमीन पर नेताजी पटेल का कब्जा है। यहां उनकी अवैध महलनुमा कोठी बनी हुई है। कल तक घटना के पहले बाहर बोर्ड था कि नेताजी सुरेश पटेल से मिलने का समय सुबह 9 से 10 बजे तक, जो अब हट गया है और नेताजी फरार हो चुके हैं। कोठी के अंदर बड़ा दो मंजिला मकान बना है।
करीब 150 फीट लंबी छह फीट ऊंची बाउंड्रीवाल है और 20 फीट से भी ऊंचा लंबा-चौड़ा लोहे का गेट लगा हुआ है। अंदर लंबी-चौड़ी सरकारी जमीन कब्जे में हैं, जो बताया जाता है कि यह समारोह के लिए किराए पर दी जाती है और इससे लाखों रुपए नेताजी कमाते हैं।
सुरेश पटेल की अवैध दुकान
पूरी पट्टी पर दुकान काटकर किराए पर दे डाली
नेताजी ने इस पूरी कांकड़ पर कब्जा किया हुआ है और यहां पर नेताजी जानकी पटेल भवन भी बना है। साथ ही आगे छोटी-छोटी दुकान किराने व अन्य की बनाई गई है, जिसमें कुछ किराए पर चल रही हैं तो कुछ बेच दी गई हैं। यह सभी कांकड़ पर काटी हुई दुकानें हैं, जिनका किराया नेताजी खा रहे हैं।
आदिवासी के पट्टों पर नेताजी के ये भी खेल
नेताजी ने यहां के कई आदिवासियों के पट्टे ले रखे हैं और उस पर अवैध निर्माण किए हुए हैं। रेवती की ओर जाने के पहले टर्न पर अरविंदो अस्पताल खत्म होने के बाद नेताजी टायर और एलाइमेंट की दुकान भी है, जो उनके दोनों बेटे मुकेश और नरेंद्र संभालते हैं, आरोप है कि यह भी अवैध है। इसके साथ ही कई और आदिवासियों के पट्टे ले रखे हैं। जिन पर अवैध निर्माण और खरीदी-बिक्र के खेल नेताजी ने किए हुए हैं।
नेता पर पूर्व मंत्री का हाथ
सुरेश पटेल पर कांग्रेस के एक पूर्व दिग्गज मंत्री का हाथ है, जो अभी भी इंदौर में लगातार सक्रिय हैं। इनके कारण ही उनके हौसले इतने बुलंद रहे हैं कि वह किसी से भी नहीं डरते। बरदरी और भौरांसला में अवैध कब्जों का जमकर खेल चल रहा है।
इन्हीं ने ही डॉ. विनोद भंडारी की ईडी में अटैच सात एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा किया है और वहां पर मकान बनवाकर कब्जे दिए जा रहे हैं। उन्हीं के तैनात गार्ड द्वारा यह गोलियां चलाई गई थी।
सरकार सर्वे, नंबर जिस पर कोठी है
इन पर बाणगंगा थाने में हुआ केस
कब्जा हटाने मौके पर पहुंची टीम में शामिल तहसीदार शैवाल सिंह, नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा, पटवारी प्रदीप चौहान व मयंक चतुर्वेदी व अन्य पर आरोपी प्रदीप मिश्रा, जयकुमार, जयदीप मिश्रा, सुरेश पटेल द्वारा मौके पर शासकीय कार्य में बाधा डाली गई। इन सभी पर बाणगंगा पुलिस ने बीएनएस धारा 125, 296, 351(2), 3(5), 101(1) और 132 में केस दर्ज किया है। इसमें 101 और 132 अहम है, जो हत्या के प्रयास और शासकीय काम में बाधा से जुड़ी है।
यह है कब्जा हटाने का मामला
न्यायालय नायब तहसीलदार के प्रकरण 0008/अ-70/2023-24 में पारित आदेश दिनांक 26/05/2023 अनुसार आवेदक डॉ. विनोद पिता शैतानमल भंडारी का आवेदन धारा 250 स्वीकृत किया गया, जिसमें कब्जा हटाने का आदेश पारित हुआ।
ग्राम भंवरासला स्थित भूमि सर्वे नंबर 7/2, 7/3/1, 7/3/2, 6/2/2/2, 6/2/2/1 अतिक्रामक भूमि पर जगन्नाथ पिता गणपत सिंह, सुरेश पिता रतनसिंह, सुशीला पति रामप्रकाश परमार, देवीलाल पिता लच्छुराम पंवार, रायसिंह पिता कालूसिंह, सौरभ पिता प्रकाश तिवारी, शिवशंकर पिता दयाराम साहू जितेन्द्र पिता रामकरण लववंशी, बबली पति कृष्णकुमार शर्मा व अन्य तीन का कब्जा पाया गया। सुरेश पिता रतनलाल एवं अन्य कब्जेधारियों को बेदखल किया जाकर भूमि का कब्जा आवेदक को सौंपे जाने के आदेश दिए गए थे।
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