सतपुड़ा के घने जंगलों में फैला तवा जलाशय भारत की 85वीं और मध्य प्रदेश की 5वीं रामसर साइट बन गया है। सीएम डॉ.मोहन यादव ने इसे प्रदेश के लिए गौरव बताया है। लगभग 20 हजार हेक्टेयर में फैले इस जलाशय में बाघ, हिरण, बायसन सहित हजारों वन्यजीवों के लिए पेयजल स्रोत और लाखों प्रवासी पक्षियों के लिए आवास स्थल है।
रामसर कन्वेंशन
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि तीन और भारतीय स्थलों को अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स की सूची में जोड़ा गया है। यह रामसर कन्वेंशन के तहत किया गया। तवा जलाशय के साथ-साथ तमिलनाडु के नंजरायण और काझुवेली पक्षी अभयारण्यों को भी रामसर साइट्स में शामिल किया गया है।
हजारों प्रजाति के पेड़-पौधों, 280 प्रजाति के पक्षी
नर्मदापुरम स्थित तवा जलाशय विविध वनस्पति और जीव-जन्तुओं का घर है। इसमें एक हजार 400 प्रजाति के पेड़-पौधे और 26 हिमालयन प्रजाति के वन्यजीव शामिल हैं। यह जलाशय 280 प्रकार के पक्षियों और बाघ सहित 52 प्रकार के वन्यजीवों का निवास स्थान है। रामसर सूची में भारत के वेटलैंड्स की संख्या अब 85 हो गई है, जो देश की जैव विविधता को दर्शाती है।
आपको बता दें कि अभी भोपाल का भोज वैटलैंड, शिवपुरी की साख्या सागर झील, इंदौर की सिरपुर झील और यशवंत सागर रामसर साइट्स हैं।
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