उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 में भर्ती को लेकर विवाद जारी है। वैसे ही स्कूल शिक्षा विभाग में 21,459 पद खाली है, लेकिन भर्ती नौ हजार से भी कम पदों पर की जा रही है। इसमें भी एक के बाद एक विवाद आ रहे हैं। ट्राइबल विभाग के तहत रिक्त शिक्षक पदों में पहले ही EWS और OBC के लिए पर्याप्त आरक्षण नहीं होने के चलते मामला ग्वालियर हाईकोर्ट चला गया है। अब इसी विभाग में एक ताजा बखेड़ा खड़ा हो गया है।
दस्तावेज सत्यापन के बाद बदला डिग्री नियम
ट्राइबल विभाग ने ज्वाइनिंग देने के लिए 6 से 9 अगस्त तक दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया की। इसमें सभी से दस्तावेज लिए गए, लेकिन विभाग ने एक खेल करते हुए पात्रता परीक्षा मार्च 2023 के दौरान जारी डिग्री संबंधी नियम को नौ अगस्त में पत्र जारी कर संशोधित कर दिया गया। इसके चलते कई पात्र चयनित ऐनवक्त पर अपात्र हो गए।
- पहले नियम था कि- ऐसे आवेदक जो निर्धारित शैक्षणिक, व्यावसायिक योग्यता अर्जित करने के अंतिम वर्ष में हैं (पात्रता परीक्षा आदन अंतिम दिनांक 27 जनवरी 2023) वे भी पात्रता परीक्षा में बैठने के लिए एमान्य होंगे, ऐसे अभ्यर्थियों को चयन परीक्षा उपरांत पात्र पाए जाने पर मेरिट क्रम में जिस तारीख को दस्तावेज मांगे जाएंगे, उस दिनांक को प्रस्तुत करने होंगे। यानी उस तिथि को अभ्यर्थी द्वारा परीक्षा नंबर सूची, उपाधि धारित किया जाना जरूरी होगा।
- उस डेट को अभ्यर्थी द्वारा परीक्षा मार्क लिस्ट, डिग्री होल्डर किया जाना जरूरी होगा, तात्पर्य 27 जनवरी 2023 तक परीक्षा मार्क लिस्ट उपाधि धारित किया जाना जरूरी है ना कि सत्यापन के लिए उपस्थिति दिनांक तक।
इस तरह होगा असर
पहले यह कहा गया था कि चयन के बाद जब दस्तावेज मांगे जाएंगे, उस दिन तक की आपके पास डिग्री, योग्यता होना चाहिए। यानी दस्तावेज लेने की अंतिम तारीख नौ अगस्त 2024 थी, उस तारीख तक आपके पास डिग्री, योग्यता होना चाहिए। लेकिन अब नए नियम से यह कर दिया जिस दिन परीक्षा आवेदन का अंतिम दिन था यानी 27 जनवरी 2023 तभी तक की डिग्री, योग्यता होना चाहिए। यानी 27 जनवरी 2023 के बाद और दस्तावेज लेने तक 9 अगस्त 2024 के बीच जिसकी भी योग्यता, डिग्री होगी वह सभी अपात्र हो गए।
परीक्षा नियम में अब संशोधन मान्य ही नहीं
जबकि परीक्षा नियमों में अब संशोधन किया ही नहीं जा सकता था, लेकिन इसके बाद भी विभाग ने यह खेल कर दिया। इसके कारण से दोहरी परीक्षा पास कर सफल हुए उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग के पहले विभाग ने झटका दे दिया है। इसके लिए अब कुछ पात्र उम्मीदवार हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
2018 में अब भर्ती नहीं, डीपीआई ने दिया जवाब
उधर साल 2018 की भर्ती में चल रहा ईडब्ल्यूस भर्ती का विवाद हाईकोर्ट जबलपुर में चल रहा है और इसमें डीपीआई (लोक शिक्षण आयुक्त) शिल्पा गुप्ता ने लिखित में जवाब दे दिया है। इसमें कहा गया है कि 2018 की भर्ती को लेकर अब किसी तरह की विभागीय प्रक्रिया नहीं चल रही है। दरअसल कुल 848 पदों को लेकर यह विवाद है। जब यह भर्ती निकली थी, तब ईडब्ल्यूस का प्रावधान नहीं था। बाद में इसका नोटिफिकेशन हुआ।
इसके बाद जब भर्ती की पहली काउंसलिंग हुई तो ईडब्ल्यूस को लिया गया, लेकिन दूसरी काउंसलिंग के समय यह विवाद उठ गया कि जब यह परीक्षा नोटिफिकेशन के समय था ही नहीं तो फिर क्यों दिया जा रहा है। इसके बाद मामला हाईकोर्ट चला गया। इसमें अब डीपीआई ने बताया कि 2018 की कोई भर्ती अब नहीं हो रही है। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 अगस्त को लगी है।
दस्तावेज सत्यापन का शेड्यूल
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