शिक्षक भर्ती में OBC आरक्षण नहीं, हाईकोर्ट में लगी याचिका, सभी को नोटिस जारी

आरक्षण के तय फार्मूले के तहत मध्यप्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। अभी भले ही 13 फीसदी होल्ड हो लेकिन 14 फीसदी तो मिलता ही है। लेकिन ट्राइबल विभाग ने कुछ विषयों में तो ओबीसी आरक्षण के पद ही जीरो है... 

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Sanjay gupta
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उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग वन (1) 2023 के जनजातीय विभाग की शिक्षक भर्ती में ओबीसी का सही आरक्षण नहीं मिलने पर अभ्यर्थी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ पहुंच गए हैं। इसमें 31 जुलाई को याचिका लग गई। सुनवाई के बाद सभी पक्षों से इसमें जवाब मांगा गया है। 

इन सभी को जारी हुए नोटिस

हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी धर्मेंद्र सेन की याचिका पर सुनवाई करने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग, ट्राइबल विभाग के प्रमुख सचिव सहित कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। 

यह है अभ्यर्थियों की आपत्ति

अभ्यर्थियों का कहना है कि आरक्षण के तय फार्मूले के तहत मप्र में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। अभी भले ही 13 फीसदी होल्ड हो लेकिन 14 फीसदी तो मिलता ही है। लेकिन ट्राइबल विभाग ने कुछ विषयों में तो ओबीसी आरक्षण के पद ही जीरो है। इसमें शासन की मंशा 27 फीसदी तो छोड़िए 14 फीसदी का भी आरक्षण कहीं नहीं दिख रहा है। 

इस तरह की गड़बड़ी बता रहे अभ्यर्थी

अभ्यर्थियों का कहना है कि इसमें ओबीसी आरक्षण में बड़ी लापरवाही और गड़बड़ी सामने आई है। इस भर्ती परीक्षा का परिणाम 20 फरवरी को आया था। जनजातीय विभाग के पदों के रोस्टर में कुछ विषय में तो ओबीसी के शून्य पद है तो कुछ में एक या दो। जो कि GAD द्वारा दिए गए आरक्षण संबंधी रोस्टर का साफ साफ उलंघन है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब हम इस गड़बड़ी की शिकायत को लेकर विभाग पहुंचे तो सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा कोई उचित कार्रवाई करने के जगह अभ्यर्थियों को उल्टे कोर्ट जाने की सलाह दे डाली। अब इसी सलाह पर अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। 

जनजातीय विभाग में 1129 पद इसमें भी अतिथि शिक्षक के लिए 25 फीसदी

अभ्यर्थियों ने बताया कि कुल 8720 पदों में से स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 7591 पद है और 1129 पद जनजातीय विभाग के हैं। जनजातीय विभाग में हिंदी, उर्दू और होम साइंस विषय में कोई पद नहीं है। जनजातीय विभाग के 1129 पद में इंग्लिश में 118 पद, संस्कृत के लिए 18, मैथ्स के 148, बायोलॉजी के 79, फिजिक्स के 166, केमिस्ट्री के 130 पद, हिस्ट्री 12, पॉलिटिकल साइंस 26, जियोग्राफी 26, इकॉनामिक्स 21, सोशियोलॉजी 9, कॉमर्स 54, एग्रीकल्चर 338 के पद हैं। 

EWS आरक्षण को लेकर भी यह आपत्ति

वहीं इन 1129 पदों में जहां ओबीसी आरक्षण नहीं देने के आरोप है तो वहीं पर ईडब्ल्यूएस के भी पद आरक्षित नहीं करने के आरोप लगाए गए हैं। पद में आरक्षण के हिसाब से आवंटन के अनुसार केवल कृषि विषय में ही ईडब्ल्यूएस के लिए गैर अतिथि शिक्ष के लिए बचे 254 पद में से 25 पद आरक्षित रखे गए हैं।  बाकी विषयों पद ही नहीं है। वहीं स्कूल शिक्षा विभाग में विषयों में ईडब्ल्यूएस के लिए पद रखे गए हैं। अब ईडब्ल्यूएस वाले अभ्यर्थी पदों की मांग को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

पहले ही कम पदों से परेशान अभ्यर्थी...

  1. मप्र के एजुकेशन पोर्टल में बताया गया है कि स्कूल शिक्षा में कुल पद 36853 मंजूर है, जिसमें से 21459 पद रिक्त है। अभी इनमें कोई भी गेस्ट फैकल्टी नहीं है। वहीं स्कूल खुले हुए एक माह बीत चुका है। मंगलवार को तो दसवीं और 12वीं का टाइमटेबल भी घोषित हो गया है। बीती बार शासकीय स्कूलों का रिजल्ट बेकार आया था और इसकी सबसे बड़ी वजह सामने आई थी कि शिक्षकों की भारी कमी है। 
  2. इस बार भी सरकार दो-दो परीक्षा पास कर आने वाले योग्य उम्मीदवारों को पद नहीं दे रही है, 8720 पदों पर भर्ती हो रही और इसमें भी करीब चार हजार पद तो बैकलाग के हैं सीधी भर्ती पांच हजार से भी कम पदों पर हो रही है, जबकि विभाग के पास शिक्षकों के 21459 पद रिक्त है।

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