मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रेप के आरोपी तहसीलदार ने आखिरकार सरेंडर कर दिया। तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान की तलाश कई महीनों से जारी थी। पुलिस ने उस पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। खुद को तहसीलदार की चौथी पत्नी बताने वाली एक महिला ने रेप का केस दर्ज कराया था। मामला सामने आते ही वह तहसीलदार फरार हो गया था। अब उसने अचानक जिला न्यायालय में सरेंडर कर सबको चौंका दिया। पुलिस और प्रशासन को उसकी गिरफ्तारी का इंतजार था। अब उससे पूछताछ में कई राज खुलने की उम्मीद है।
सूचना मिलते ही मचा हड़कंप
सरेंडर की सूचना मिलते ही पुलिस बल और अफसर कोर्ट पहुंच गए। तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान (Tehsildar strughan singh) के खिलाफ 15 जनवरी 2025 की रात को महिला थाने में रेप और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। एक महीने बाद पुलिस ने 5 हजार का इनाम घोषित किया। तब से वह फरार चल रहा था और किसी को भनक तक नहीं थी।
क्या है पूरा मामला?
शत्रुघ्न सिंह चौहान ग्वालियर जिले के भितरवार तहसील में पदस्थ थे। एक महिला ने उन पर शादी का झांसा देकर लंबे समय तक शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया। महिला के मुताबिक, वह करीब 17 साल तक लिव-इन रिलेशन (Live-in Relation) में रही। इस दौरान चौहान ने एक बार गर्भपात (Abortion) भी कराया। महिला की शिकायत सामने आने के बाद तहसीलदार गायब हो गया।
पद से हटाया गया, फिर हुआ फरार
आरोप लगने के बाद कलेक्टर ने चौहान को भितरवार से हटाकर जिला मुख्यालय के लैंड रिकॉर्ड ऑफिस (Land Record Office) में अटैच किया। शत्रुघ्न सिंह उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया, सिर्फ मेडिकल लगा दिया। इसके बाद जब मामला बढ़ा, तो सरकार ने उनका तबादला बैतूल (Betul) कर दिया। वहां भी ज्वाइनिंग नहीं दी, इसलिए शासन ने निलंबित (Suspended) कर दिया।
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