जबलपुर में तहसीलदार की गिरफ्तारी के विरोध में इंदौर सहित प्रदेश के तहसीलदारों ने किया राजस्व काम बंद

जबलपुर जिले के अधारताल तहसील के तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे द्वारा निजी जमीन के नामांतरण को फर्जी वसीयत के आधार पर ऑफिस के ही कम्प्यूटर ऑपरेटर (computer operator ) के नाम कर दिया गया।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
 STYLESHEET THESOOTR - 2024-09-19T211552.059
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

INDORE.  जबलपुर जिले में तहसीलदार के नामांतरण आदेश के खिलाफर कराई गई एफआईआर और गिरफ्तारी के विरोध में इंदौर सहित प्रदेश भर के तहसीलदार विरोध में उतर आए हैं। तहसीलदारों ने सभी जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन देकर इस मामले में हड़ताल पर जाने का ज्ञापन दिया है। 

Tehsildars

इंदौर में कमिशनर, कलेक्टर को दिया ज्ञापन

इस मामले इंदौर में भी संभागायुक्त दीपक सिंह ( Divisional Commissioner Deepak Singh ) और कलेक्टर आशीष सिंह ( Collector Ashish Singh ) को सभी तहसीलदारों ने राजस्व मंत्री के नाम ज्ञापन दिया है, साथ ही मांग पूरी नहीं होने तक अनिश्चित काल तक राजस्व काम से मुक्त रहने की बात कह दी है। 

यह है मामला

आरोप है कि जबलपुर जिले के अधारताल तहसील के तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे द्वारा निजी जमीन के नामांतरण को फर्जी वसीयत के आधार पर ऑफिस के ही कम्प्यूटर ऑपरेटर (computer operator ) के नाम कर दिया गया। इस मामले में कलेक्टर और एसडीओ ने कार्रवाई कर संबंधित तहसीलदार पर एफआईआर करा दी। विजयनगर पुलिस जबलपुर ने उन्हें घर से गिरफ्तार किया और जेल भेजा। 

यह है जमीन का मुद्दा

आरोप है कि जबलपुर के रैगवा गांव में महावीर पांडे के नाम पर एक हेक्टेयर जमीन थी। महावीर पांडे की मौत के बाद यह जमीन उनके पुत्र शिवचरण पांडे के नाम पर दर्ज होनी थी, लेकिन अधारताल तहसील में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने इस जमीन को एक फर्जी वसीयत बनाकर अपने पिता श्याम नारायण दुबे के नाम पर ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद जमीन दीपा दुबे और उनके भाईयों के पास आ गई। जिसे इन्होंने बेचने की कोशिश की, इसी दौरान पांडे ने इसमें शिकायत कर दी। इसें धुर्वे और पटवारी जोगेंद्र पिपरी की भूमिका पर सवाल उठे और प्रशासन ने केस दर्ज करा दिया। 

मप्र राजस्व अधिकारी संघ विरोध में

इस घटना के बाद मप्र राजस्व अदिकारी ( कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा ) संघ भोपाल ने विरोध जताते हुए सभी जिलों के कलेक्टर को ज्ञापन दिया। इनका कहना है कि कोर्ट की कार्रवाई के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। इस मामले में प्रशासन ने बिना जांच के यह गलत फैसला किया और केस दर्ज कराया। जब तक हरि सिंह धुर्वे के खिलाफ दर्ज एफआईआर खत्म नहीं की जाती है, तब तक काम पर वापस नहीं आएंगे।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

जबलपुर मध्य प्रदेश राजस्व काम बंद तहसीलदार विरोध तहसीलदार हिंदी न्यूज कलेक्टर अशीष सिंह इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह मध्य प्रदेश तहसीलदार एमपी हिंदी न्यूज मध्यप्रदेश हिंदी न्यूज